नई दिल्ली, हरियाणा की भाजपा सरकार ने गुड़गांव और मेवात जिले का नाम बदलने का फैसला लिया है। फैसले के मुताबिक, अब गुड़गांव का नाम गुरुग्राम और मेवात का नूह होगा।
बीजेपी सरकार ने इसे लोगों की मांग बताया है।कांग्रेस ने बीजेपी पर आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है।पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि मेवात का नाम नहीं बदला जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि 1857 की पहली फ्रीडम फाइट के दौरान ही मेवात जिले का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। मेवात के लोगों ने ही सबसे पहले अंग्रेज फौजों का डटकर मुकाबला किया था। इससे पहले दूसरे नेताओं ने खट्टर सरकार पर आरएसएस के भगवा एजेंडे को आगे बढ़ाने के आरोप लगाए। हुड्डा ने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पहले इसका नाम गुरुग्राम ही था जिसका महाभारत में भी जिक्र मिलता है।
वहीं, बीजेपी का कहना है कि गुड़गांव और मेवात जिलों के डीसी की तरफ से राज्य सरकार के पास इन जिलों के नाम बदलने के प्रपोजल आए थे। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दोनों जिलों के नाम बदलने के प्रपोजल को मंजूरी दे दी है।इससे पहले भी हरियाणा सरकार यमुनानगर जिले के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर सरस्वती नगर कर चुकी है। सरकार ने कहा कि गुरुग्राम का जिक्र महाभारत में भी है। यहां गुरु द्रोणाचार्य कौरव और पांडवों को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा दिया करते थे। तब इसे गुरुगांव कहा जाता है।
गुड़गांव , दिल्ली एनसीआर में आता है। दिल्ली से सटे होने के कारण पिछले कुछ सालों में यहां काफी डेवलपमेंट हुआ है। यहां फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं। गुड़गांव की नाॅर्थ इंडिया की साइबर सिटी के तौर पर भी पहचान है। कनेक्टिविटी और बिजनेस फ्रेंडली होने के चलते काॅर्पोरेट्स कंपनियों की पहली पसंद दिल्ली के बाद गुड़गांव ही है। बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स और कई मल्टीनेशनल कंपनियों के भी ऑफिस यहां मौजूद हैं। 738 वर्ग किलोमीटर में फैले गुड़गांव में 1100 से ज्यादा हाई राइज रिहाईशी बिल्डिंग्स हैं।