नई दिल्ली, भाजपा के सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 1990 से पहले भारत रत्न अयोग्य लोगों को दिया गया। उन्होंने कहा कि जो जितना बड़ा बदमाश था, वह उतनी जल्दी अवॉर्ड ले गया।
मध्य प्रदेश के सागर से लोकसभा सांसद ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस पर आयोजित एक समारोह में यह टिप्पणी की। सांसद यह कहने की कोशिश कर रहे थे कि कथित जातिवादी मानसिकता के कारण आंबेडकर के साथ अन्याय किया गया था। बाबा साहेब को पुरस्कार देने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री वी पी सिंह की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जनता दल की सरकार ही ऐसी थी, जिन्होंने अन्याय को खत्म करने का फैसला किया।
नेता की सफाई- फिसल गई जुबान उन्होंने कहा कि पहले नचये, गवैये, छोटे, बड़े जो जितना बदमाश था, वो उतना जल्दी ले गया। उन्होंने कहा कि अयोग्य लोगों को सर्वोच्च पुरस्कार दिए जाने की प्रवृत्ति आंबेडकर को पुरस्कार दिए जाने के बाद बदल गई थी। जब उनसे संपर्क किया गया तो यादव ने कहा कि वीडियो से साथ छेड़छाड़ की गई है लेकिन बाद में उन्होंने इसे जुबान फिसलना बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि थोड़ी बहुत कंट्रोवर्सी बनी रहनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने बदमाश शब्द पर भी सफाई देते हुए कहा कि मैं पद्म और अन्य पुरस्कार की बात कर रहा था, सिर्फ भारत रत्न की नहीं। इस मामले पर भाजपा ने कहा कि यह उनका निजी बयान है और पार्टी का इससे कोई वास्ता नहीं है।
वर्ष 1990 से पहले सी.राजगोपालाचारी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, भगवान दास, एम विश्वेश्वरैया, गोविंद वल्लभ पंत, डीके कारवे, बीसी रॉय, पीडी टंडन, डा. राजेंद्र प्रसाद, जाकिर हुसैन, पीवी काने, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, वीवी गिरी, के कामराज, मदर टेरेसा, विनोबा भावे, खान अब्दुल गफ्फार खान और एमजी रामचंद्रन को भारत रत्न दिया गया था।