नई दिल्ली, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को आशा है कि हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जीत हासिल करने वाली भारतीय टीम किसी भी जमीं पर जीत हासिल कर सकती है। गांगुली ने कहा कि उन्हें लोकेश राहुल, उमेश यादव और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों के करियर के विकास को देखकर अच्छा लग रहा है। इन खिलाड़ियों ने विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की बराबरी की है। भारतीय टीम के लिए यह सफर सफलताओं से भरा रहा।
भारत ने अब तक खेले गए मैचों में से 10 में जीत हासिल की और एक में हार का सामना किया, वहीं उसके दो मैच ड्रॉ रहे। इस प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम ने विश्व रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वेबसाइट पर जारी अपने कॉलम में गांगुली ने लिखा, भारतीय टीम के पिछले 13 मैच देखे हैं और आशा है कि कोहली और उनकी टीम के भीतर देश में या देश के बाहर किसी भी जमीं पर जीतने की क्षमता है।
गांगुली ने कहा, कोहली स्वयं को भाग्यशाली समझेंगे, क्योंकि मैंने पहले किसी भी कप्तान का नाम नहीं लिया और उनकी टीम को घरेलू जमीं पर एक सत्र में 13 टेस्ट मैच खेलने का अवसर मिला है। आपको अब भी मैच जीतने हैं। हम सब जानते हैं कि भारत कम से कम आठ और ज्यादा से ज्यादा 10 टेस्ट मैच जीत सकता है। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, मैंने इन मैचों के परिणामों से अधिक खिलाड़ियों के प्रदर्शन का आनंद लिया। राहुल, जडेजा और उमेश जैसे खिलाड़ियों को पूरे आत्मविश्वास के साथ और दो दिग्गजों की भांति खेलते देखा।
एक बल्लेबाज के तौर पर चेतेश्वर पुजारा की तारीफ करते हुए गांगुली ने कहा, जिसने निजी तौर पर अच्छा किया वह पुजारा थे। मुझे याद है वह समय जब उन्हें पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच के लिए टीम से हटा दिया गया था। मैंने कहा था कि पुजारा एक खास खिलाड़ी हैं और उन्हें टीम से नहीं हटाया जाना चाहिए था। गांगुली ने कहा कि इस सत्र में पुजारा के बल्ले ने 1, 316 रन बनाए हैं और अगर टीम विदेशी जमीं पर प्रदर्शन करने जाती है, तो विराट की टीम के लिए पुजारा अहम खिलाड़ी होंगे।
धर्मशाला में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के अंतिम मैच को गांगुली ने खास बताया था। इस बारे में उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया को उसका साथ देने वाली पिच पर हराना कोहली की कप्तानी में एक नया मोड़ लाएगी। कोलकाता के बल्लेबाज गांगुली ने कहा, मैं चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन अपने घर में दिन का खाना खा रहा था और तब आस्ट्रेलियाई टीम अपनी दूसरी पारी खेल रही थी। अचानक ही कुछ देर बाद मैंने भारतीय टीम के दो गेंदबाजों उमेश और भुवनेश्वर कुमार की शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन देखा। जिस प्रकार से मेहमान टीम को कमजोर किया गया, उसे देखकर मैं कोहली के लिए बहुत खुश था। अनिल कुंबले की कोचिंग पर गांगुली ने कहा, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने जब सचिन तेंदुलकर, लक्ष्मण और मेरे सहित तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था, तो मेरे लिए अनिल की कोचिंग उनके गेंदबाजी जैसी ही निर्णायक थी। वह भारत में और विदेशी जमीं पर भी भारतीय टीम की जीत चाहते हैं।