नई दिल्ली, रेलवे मंत्रालय ने 2017-18 के लिए 50,000 करोड़ रुपये का सकल बजट समर्थन मांगा है। हालांकि, वित्त मंत्रालय द्वारा 40,000-45000 करोड़ रुपये पर ही सहमति जताए जाने की उम्मीद है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, रेलवे ने सकल बजटीय समर्थन के रूप में 50,000 करोड़ रपये मांगे हैं और मुझे लगता है कि उन्हें 40,000- 45000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
वास्तव में रेलवे की 30,000 करोड़ रुपये से अधिक खपाने की क्षमता ही नहीं है। वित्त वर्ष 2015-16 के रेल बजट में 40,000 करोड़ रुपये के बजट समर्थन की घोषणा की गई थी। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इसे घटाकर 28,000 करोड़ रुपये कर दिया था। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 21 सितंबर 2016 को रेल बजट को आम बजट में मिलाने की घोषणा की थी।
इसके साथ ही 92 साल से चली आ रही अलग रेल बजट की परंपरा समाप्त होने जा रही है। सरकार ने आम बजट को भी फरवरी के अंतिम दिन के बजाय एक फरवरी को पेश करने का फैसला किया है। सरकार ने इस बार बजट में योजना और गैर-योजना वर्गीकरण को भी समाप्त करने का भी फैसला किया है। इसके स्थान पर 2017-18 के बजट में पूंजी और राजस्व में वर्गीकरण किया जायेगा।