नई दिल्ली, खराब मौसम की वजह से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू जेट विमान सुखोई-30 की खोज अभियान कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। अभी तक सुखोई-30 लड़ाकू विमान के दोनों पायलटों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिली है। बता दें कि भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर लड़ाकू जेट विमान सुखोई-30 विमान मंगलवार को असम में उड़ान भरने के बाद से लापता हो गया है।
असम के तेजपुर एयरफोर्स बेस से उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही लापता हुए इस जेट विमान में वायुसेना के दो पायलट भी सवार हैं। सुखोई के लापता होने के घंटों बाद तक इसकी कोई खोज खबर नहीं मिलने को देखते हुए विमान के दुर्घटना का शिकार होने की आशंका है। वायुसेना की ओर से लापता विमान के बारे में जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना का दो सीटर सुखोई 30 जेट विमान अपनी नियमित उड़ान पर था।
असम के तेजपुर एयर बेस से सुबह विमान ने अपनी नियमित प्रशिक्षण की उड़ान भरी। मगर इस उड़ान के दौरान ही सुबह करीब 11.10 बजे विमान का रडार और रेडियो संपर्क टूट गया। विमान से जब आखिरी बार यह संपर्क टूटा तो सुखोई की लोकेशन तेजपुर से 60 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में था।
वायुसेना ने कई घंटे बाद भी विमान का पता नहीं चलने के बावजूद अभी इसके औपचारिक रूप से दुर्घटना का शिकार होने की बात नहीं कही है। बयान में वायुसेना ने कहा है कि विमान और दोनों पायलटों की खोज जारी है। इस खोज और बचाव अभियान के लिए सैन्य और नागरिक प्रशासन दोनों से वायुसेना ने मदद मांगी है।
रूस निर्मित सुखोई विमान के दुर्घटना का शिकार होने की यह छठी घटना है। भारतीय वायुसेना के बेडे़ में शामिल लड़ाकू विमानों में सुखोई की रणनीतिक अहमियत बेहद खास है। यह वायुसेना का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान है।