शिमला, केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की उपस्थिति में आज ऊना विधानसभा क्षेत्र के पेखू बेला में 507 करोड़ रुपये के इंडियन ऑयल टर्मिनल की आधारशिला रखी। इस अवसर पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इंडियन ऑयल टर्मिनल हिमाचल के इतिहास में एक नया मील पत्थर स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
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ऊना तक जालन्धर से भूमिगत पाईप लाईन बिछाई जाएगी तथा यह टर्मिनल वर्ष, 2018 में लोकार्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 200 ट्रकों द्वारा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए पेट्रोलियम, ऑयल व लुबरीकेंट पदार्थों की ढुलाई होगी और हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की ढुलाई के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी, जिसे शिमला में खोला जाएगा।
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प्रधान ने कहा कि वह हमेशा गरीबों व समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह व्यापक जनाधार वाले नेता है, जो हमेशा ही गरीबों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं और यही कारण है कि आज के समारोह में हमारे बीच शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एलपीजी भरने के लिए 90 हजार मीट्रिक क्षमता के दो बॉटलिंग प्लांट लगाए जाएंगे।
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वहीं मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने टर्मिनल स्थापित करने के लिए 2014 में एक रुपये की दर से पट्टे पर 61 एकड़ भूमि प्रदान की। प्रदेश सरकार काफी प्रयत्नों के उपरांत केन्द्र सरकार को ऊना में इंडियन ऑयल टर्मिनल खोलने के लिए मनाने में सफल हुई, जो सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मई, 2016 में वन स्वीकृतियां प्राप्त करने में सफल हुई और शेष सभी आवश्यक औपचारिकताएं भी पूरी की गई।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस टर्मिनल के आरम्भ हो जाने से प्रदेश की पेट्रोलियम जरूरतें आसानी से पूरी होंगी, जिसकी आपूर्ति वर्तमान में अम्बाला व जालन्धर से हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊना टर्मिनल भारतीय सेना के लिए भी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे सर्दियों के दौरान लेह-लदाख सहित पठानकोट से श्रीनगर के लिए ईंधन जरूरतें पूरी होंगी।
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इसके अतिरिक्त रोहतांग होते हुए कारू, नीमा, उपशी तथा क्यारी तक भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। इससे हिमाचल प्रदेश की 224 खुदरा दुकानों, 22 मिट्टी तेल एंजेसियां तथा 125 उपभोक्ता पंपों की 5 लाख 80 हजार किलो लीटर की वार्षिक जरूरतें पूरी होंगी।
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