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भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ के लिए तैयार हैं दक्षिण अफ़्रीकी तेज़ गेंदबाज़ एनगिदी

जोहानसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज लुंगी एनगिदी कोरोना से उबरने के बाद भारत के खिलाफ आगामी सीरीज से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिए तैयार हैं।

25 साल के एनगिदी पहले ही कई बार ऐसे चोटों से गुज़र चुके हैं, जो उनके करियर को ख़त्म कर सकता था। उन्होंने पिछले पांच महीने से कोई भी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है। व्यक्तिगत कारणों से वह श्रीलंका दौरे पर नहीं गए, आईपीएल और विश्व कप में उन्हें कोई मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला और अभी वह कोरोना से उबरे हैं।

एनगिदी ने कहा, ”मैं नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ के लिए उत्साहित था, लेकिन तभी मुझे कोरोना हो गया। कोरोना का चौथा और पांचवां दिन बहुत ख़तरनाक तरीक़े से बीता। हालांकि बाद के दिन आसान हो गए। हां, मुझे आराम करने के लिए एक हफ़्ता और मिल गया।”उन्होंने अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच छह महीने पहले जुलाई में आयरलैंड के ख़िलाफ़ खेला था। उन्होंने इस साल चार टेस्ट मैच खेले हैं, जबकि घरेलू क्रिकेट में भी उनका प्रतिनिधित्व शून्य रहा।

एनगिदी ने चार साल पहले टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन इस दौरान वह अब तक सिर्फ़ दस टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं। हालांकि इससे पहले मखाया एनटिनी और डेल स्टेन के साथ भी ऐसा हो चुका है, जब उन्हें पहले दस टेस्ट खेलने के लिए दक्षिण अफ़्रीका के क्रमशः 32 और 25 मैचों का इंतज़ार करना पड़ा था। जब से एनगिदी ने पदार्पण किया है, तब से दक्षिण अफ़्रीका ने 26 टेस्ट खेले हैं।

हालांकि उनका करियर चोटों से अधिक प्रभावित हुआ है। वह 2018-19 में चोट के कारण ही श्रीलंका और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पांच टेस्ट नहीं खेल पाए, इसी तरह 2019-20 सत्र में भी वह इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ में चोट के कारण ही अनुपस्थित रहे।
तब से उन्होंने अपना फ़िटनेस बरकरार रखते हुए श्रीलंका और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दो-दो घरेलू टेस्ट मैच खेले हैं। हालांकि आईपीएल और टी20 विश्व कप के दौरान उन्हें बाहर बैठना पड़ा। एनगिदी इसे समझते हैं।

वह कहते हैं, ”टी20 में सभी टीमें अलग-अलग संयोजन से जाती है और इसमें किसी ना किसी को बाहर बैठना पड़ता है। संयोग से यह मेरे साथ हुआ। लेकिन अगर यह टीम के लिए अच्छा है और टीम इससे जीतती है, तो फिर इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए जोश हेज़लवुड अच्छा कर रहे थे, इसलिए उन्हें बाहर बिठाने का कोई मतलब नहीं बनता। इसी तरह विश्व कप में भी ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले मैच को छोड़ दें तो हमारी टीम ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान अच्छा खेला। ऐसे समय में टीम संयोजन से छेड़छाड़ करना उचित नहीं होता।”