भारत, दक्षिण कोरिया ने चार समझौतों पर किये हस्ताक्षर
July 10, 2018
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने दोनों देशों के विशेष सामरिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया तथा इन्हें आगे बढ़ाने के लिये चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये । प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की पहली यात्रा पर आए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून के साथ संबंधों के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की ।
मोदी ने कहा, ‘‘ हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और क्षेत्रीय एवं विविध वैश्विक विषयों पर चर्चा की । नीतिगत स्तर पर भारत की ‘एक्ट ईस्ट पालिसी’ और कोरिया गणराज्य की न्यू सदर्न स्ट्रैटेजी में स्वभाविक एकरसता है। मैं राष्ट्रपति मून के इस विचार का स्वागत करता हूं कि भारत और कोरिया के संबंध न्यू सदर्न स्ट्रैटेजी के आधार स्तम्भ हैं । दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे..इन ने कहा, ‘‘ हमने द्विपक्षीय सहयोग के नये युग की शुरुआत की है ।’’
दोनों देशों ने उन्नत समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते :सीईपीए: के तहत अर्ली हार्वेस्ट पैकेज पर संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किया । इसके मुताबिक, उन्नत सीईपीए के तहत जारी वार्ता को आगे बढ़ाना और इसके लिये झींगा, सीप, प्रसंस्कृत मछली जैसे क्षेत्रों में कारोबार उदारीकरण को आगे बढ़ाना है। भारत और दक्षिण कोरिया ने कारोबार उपचार के विषय पर भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये । इसके तहत एंटी डंपिंग, सब्सिडी, सहयोग समितियां स्थापित कर, विचार विमर्श और सूचनाओं के आदान प्रदान के जरिये सुरक्षा उपाए करने की बात कही गई है।
दोनों देशों ने भविष्य की रणनीति संबंधी समूह :फ्यूचर स्ट्रैटेजी ग्रुप: पर भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये । इसके तहत चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिये आधुनिक तकनीक के विकास में सहयोग करने पर जोर दिया गया है। इसके प्रमुख विषयों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, वृहद डाटा, स्मार्ट फैक्टरी, 3डी प्रिंटिंग, बिजली से चलने वाले वाहन, बुजुर्गों के लिये वहनीय स्वास्थ्य सेवाएं जैसे विषय शामिल हैं ।
भारत और कोरिया ने सांस्कृतिक संबंधों को गहरा बनाने और लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ावा देने के लिये 2018..22 तक के लिये सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किये । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया शुरू करने का श्रेय राष्ट्रपति मून को जाता है । उन्होंने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया में भारत पक्षकार है, क्षेत्र में शांति के लिये हमारा योगदान जारी रहेगा । मोदी ने कहा कि भारत एवं दक्षिण कोरिया के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को विस्तार देने के लिये हमने कदम उठाये हैं ।
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने दोनों देशों के विशेष सामरिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया तथा इन्हें आगे बढ़ाने के लिये चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये । प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की पहली यात्रा पर आए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून के साथ संबंधों के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की ।
मोदी ने कहा, ‘‘ हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और क्षेत्रीय एवं विविध वैश्विक विषयों पर चर्चा की । नीतिगत स्तर पर भारत की ‘एक्ट ईस्ट पालिसी’ और कोरिया गणराज्य की न्यू सदर्न स्ट्रैटेजी में स्वभाविक एकरसता है। मैं राष्ट्रपति मून के इस विचार का स्वागत करता हूं कि भारत और कोरिया के संबंध न्यू सदर्न स्ट्रैटेजी के आधार स्तम्भ हैं । दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे..इन ने कहा, ‘‘ हमने द्विपक्षीय सहयोग के नये युग की शुरुआत की है ।’’
दोनों देशों ने उन्नत समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते :सीईपीए: के तहत अर्ली हार्वेस्ट पैकेज पर संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किया । इसके मुताबिक, उन्नत सीईपीए के तहत जारी वार्ता को आगे बढ़ाना और इसके लिये झींगा, सीप, प्रसंस्कृत मछली जैसे क्षेत्रों में कारोबार उदारीकरण को आगे बढ़ाना है। भारत और दक्षिण कोरिया ने कारोबार उपचार के विषय पर भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये । इसके तहत एंटी डंपिंग, सब्सिडी, सहयोग समितियां स्थापित कर, विचार विमर्श और सूचनाओं के आदान प्रदान के जरिये सुरक्षा उपाए करने की बात कही गई है।
दोनों देशों ने भविष्य की रणनीति संबंधी समूह :फ्यूचर स्ट्रैटेजी ग्रुप: पर भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये । इसके तहत चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिये आधुनिक तकनीक के विकास में सहयोग करने पर जोर दिया गया है। इसके प्रमुख विषयों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, वृहद डाटा, स्मार्ट फैक्टरी, 3डी प्रिंटिंग, बिजली से चलने वाले वाहन, बुजुर्गों के लिये वहनीय स्वास्थ्य सेवाएं जैसे विषय शामिल हैं ।
भारत और कोरिया ने सांस्कृतिक संबंधों को गहरा बनाने और लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ावा देने के लिये 2018..22 तक के लिये सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किये । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया शुरू करने का श्रेय राष्ट्रपति मून को जाता है । उन्होंने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया में भारत पक्षकार है, क्षेत्र में शांति के लिये हमारा योगदान जारी रहेगा । मोदी ने कहा कि भारत एवं दक्षिण कोरिया के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को विस्तार देने के लिये हमने कदम उठाये हैं ।