हरमीत देसाई और साथियान ज्ञानसेकरन ने पहले युगल मुकाबले में सिंगापुर के योंग कुएक और यू पांग को 13-11, 11-7, 11-5 से मात दी।
दूसरे मैच में अचंत शरत कमल को ज़्हे यू च्यू के हाथों 7-11, 14-12, 3-11, 9-11 से हार का सामना करना पड़ा और मैच 1-1 की बराबरी पर आ खड़ा हुआ।
इसके बाद 2017 के बेल्जियम ओपन विजेता ज्ञानसेकरन भारत को बढ़त दिलाने के इरादे से पहले ही गेम से हमलावर हो गये। वह पांग से दो गेम जीतने के बाद तीसरा गेम हारे, लेकिन अंततः उन्होंने सिंगापुरी प्रतिद्वंदी को 12-10, 7-11, 11-7, 11-4 से शिकस्त देकर भारत को 2-1 की बढ़त दिलायी।
भारत को अब स्वर्ण जीतने के लिये सिर्फ एक और मैच जीतना था, जिसे हरमीत ने संभव किया। उन्होंने च्यू को 11-8, 11-5, 11-6 हराकर भारत को सिंगापुर पर 3-1 से जीत दिलायी और भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम ने लगातार दूसरी बार राष्ट्रमंडल खेल का स्वर्ण जीता।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की स्वर्ण पदक विजेता महिला टीम क्वार्टरफाइनल में मलेशिया के हाथों हारकर बाहर हो गयी थी और इस बार भारत को टेबल टेनिस में स्वर्ण दिलाने की जिम्मेदारी पुरुष टीम पर थी। पुरुष टीम ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान दमदार प्रदर्शन दिखाया और फाइनल से पहले प्रतियोगिता के हर ड्रॉ में 3-0 से जीत दर्ज की।
फाइनल ऐसा पहला ड्रॉ था जिसमें भारत ने एक मैच हारा, लेकिन अंततः उन्हें 3-1 से जीत हासिल हुई।