लखनऊ, राजधानी में ठाकुरगंज के हाजी कॉलोनी में एक घर में छिपे आतंकी सैफुल्लाह को आखिरकार दस घण्टे तक चले ऑपरेशन के बाद एण्टी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड ने मार गिराया। आईजी एसटीएफ असीम अरुण ने बताया कि यूपी और मध्य प्रदेश में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम धमाके जैसी घटना के बाद भारत में आईएसआईएस गतिविधियों का पहला मामला प्रकाश में आया है। ऐसे में मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जा रही है। साथ ही इसकी और भी कड़ियों को जांचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि आइएस का खुरासान मॉड्यूल इस्लामिक स्टेट के पूरब जोन में सक्रिय है।
खुरासान सीरिया की एक जगह है। पहले ईरान, अफगानिस्तान में ही यह प्रभावी था मगर यह पहला मौका है जब भारत में इस मॉड्यूल के तार जुड़े हैं। इससे पहले, एक घर में छिपे आतंकी सैफुल्लाह को जिन्दा पकड़ने की कोशिश चल रही थी। मगर आतंकी द्वारा समर्पण से इन्कार और फायरिंग करने के बाद एटीएस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। एडीजी लॉ एण्ड आर्डर दलजीत चौधरी ने इसकी पुष्टि की है। बुधवार तड़के इस ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद आईजी एसटीएफ असीम अरुण ने बताया कि हमारा ऑपरेशन पूरा हो गया है।
मृत आतंकी सैफुल्लाह आईएसआईएस का सक्रिय सदस्य है। इसकी उम्र लगभग 23 से 24 वर्ष के बीच है। आतंकी की पीठ पर एक बैग मिला है, जिसमें विस्फोटक होने की आशंका है, क्योंकि इसमें तार नजर आ रहे हैं। हालांकि हम पूरी जांच के बाद ही विस्फोटक को लेकर कुछ कहने की स्थिति में होंगे। मौके पर फारेन्सिक टीम और डॉग स्क्वायड मकान खंगालने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि हमने पूरी कोशिश की लेकिन आतंकी को जिन्दा नहीं पकड़ सके। हालांकि ऑपरेशन में किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं होने से हमें सन्तुष्टि भी है।
उन्होंने बताया इस पूरे मामले में विभिन्न पहुलओं को लेकर छानबीन की जा रही है, जिसकी जानकारी होने पर स्थिति स्पष्ट की जायेगी। इससे पहले एटीएस को जानकारी मिली कि मलिहाबाद निवासी बादशाह खान के मकान में कुछ खतरनाक आतंकी छिपे हैं। बादशाह खान सऊदी अरब में नौकरी करता है। इस सूचना पर पहुंचे एटीएस के बीस कमांडो ने आस-पास के मकानों पर घेराबन्दी कर ली और आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन अन्दर से उन पर कई राउण्ड फायरिंग शुरू हो गयी। इसके बाद एटीएस ने भी जवाबी फायरिंग और ऑपरेशन को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। वहीं इस मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने दुबग्गा चौकी इंचार्ज को निलम्बित कर दिया है। इस मामले में संदिग्ध आतंकी का वेरिफिकेशन में लापरवाही के चलते यह कार्रवाई की गई है।
आतंकी डेढ़ महीने से इसी इलाके में था। मध्य प्रदेश में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए बम धमाके और उसके बाद यूपी में हुए मुठभेड़ में मारे गए गए आतंकियों के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ये आतंकी लखनऊ से ट्रेन के जरिये भोपाल पहुंचे थे और फिर वहां से उज्जैन को जा रही ट्रेन में सवार हुए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने यहां ट्रेन में पाइप बम प्लांट किया और इसकी तस्वीरें उन्होंने सीरिया भी भेजी। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी ने भी बातचीत में यह दावा करते हुए कहा कि ट्रेन धमाके आईएसआईएस आतंकियों का काम था।
उन्होंने ट्रेन में लगाए बम की तस्वीर सीरिया भी भेजी। इसके बाद यूपी पुलिस हरकत में आई और एटीएस ने कानपुर और इटावा से तीन अन्य आतंकियों फैजान, इमरान और फैजल को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, सभी आतंकी आईएसआईएस खुराशान के लखनऊ-कानपुर मॉड्यूल के सदस्य हैं। यूपी पुलिस के मुताबिक, एमपी पुलिस से मिली सूचना के आधार पर कानपुर से दो संदिग्धों मोहम्मद फैसल खां मोहम्मद इमरान उर्फ भाई जान व इटावा से एक संदिग्ध रिशु की गिरफ्तारी हुई।
पुलिस के मुताबिक, कानपुर से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों के पास से एक लैपटॉप और कुछ मोबाइल मिले हैं। लैपटॉप में आईएसआईएस से जुड़े वीडियो और साहित्य मिले हैं। इसके साथ ही पुलिस को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में स्थित एक घर में सैफुल्ला नाम के आतंकी के छिपे होने की खबर मिली। पुलिस के मुताबिक शुरुआत में उनकी कोशिश आतंकी को जिंदा पकड़ने की थी और इस वजह से ऑपरेशन काफी लंबा खिच गया। आखिरकार यूपी एटीएस ने 10 घंटों की मशक्कत के बाद सैफुल्ला को मार गिराया और ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा की।