चंडीगढ़, भारत में दिल के रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिनमें से करीब 3 करोड़ लोगों की हर साल मौत भी हो जाती है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी से दिल के रोगों से बचा जा सकता है। यह कहना है ऐसीई अस्पताल, मोहाली के डॉ पुनीत वर्मा का। वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और पंजाब मेडिकल काउंसिल के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रह थे।
कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को दिल की बीमारियों के प्रति सचेत करना और इस क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में चर्चा करना था। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य को भुल गए हैं। गलत रहन सहन और गलत खानपान की वजह से बड़ी संख्या में लोग दिल की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डॉ पुनित ने कहा कि भारत में 55 साल की उम्र तक आते-आते ज्यादातर लोग दिल की किस ना किसी बिमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। अगर डॉक्टर की सलाह लेकर 30 या 35 साल की उम्र से ही स्टैटंस दवाओं का प्रयोग शुरु कर दिया जाए, तो दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में इसका प्रयोग हो रहा है मगर भारत के लोगों को इसके प्रति जागरुक करने की जरूरत है। डॉ पुनित ने कहा कि भारत में दिल की बीमारियों का इलाज बहुत महंगा है। इसलिए सिर्फ दो प्रतिशत लोग ही इलाज करा पाते हैं। लेकिन जरा सी सावधानी बरत कर 90 प्रतिशत लोग इससे बच सकते हैं। इसके लिए थोड़ी सी कसरत और हेल्दी खानपान ही काफी है। अगर समय रहते स्टैंटस दवाईयों का प्रयोग भी किया जाए तो काफी हद तक दिल की बिमारियों से बचा सकता है।