भारत में निजी शौचालय से वंचित लोगों की संख्या दुनिया में सर्वाधिक

कोच्चि, एक वैश्विक गैर-सरकारी संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के शहरों में सुरक्षित, निजी शौचालय से वंचित और खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। और यह हालत तब है जब सरकार की प्राथमिकताओं में स्वच्छता प्रमुख रूप से शामिल है। सुरक्षित जल और स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाले, ब्रिटेन के एक गैर सरकारी संगठन, वाटरएड की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षित, निजी शौचालयों के बिना जीवन गुजारने वाले शहरी लोगों की संख्या के मामले में विश्व में भारत शीर्ष पर है। भारत में शहरी लोगों की यह संख्या 15 करोड़ 70 लाख है। इसके साथ ही शहरों में रहने वाले चार करोड़ 10 लाख लोग खुले में शौच करते हैं।
विश्व शौचालय दिवस की पूर्व संध्या पर जारी हुई इस रिपोर्ट में बताया गया कि शहरी क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या के चलते स्वच्छता के अभाव में बीमारियां तेजी से फैलती हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि यह समस्या इतनी बड़ी है कि भारत के शहरों की सड़कों पर हर रोज पैदा होने वाले अपशिष्टों से ओलंपिक स्विमिंग पूल के आकार के आठ स्विमिंग पूल भरे जा सकते हैं। रिपोर्ट में इस बात को रेखांकित किया गया कि इस सदी में भारत में गांवों से शहरों में लोगों का पलायन सबसे अधिक हो रहा है। इसमें बताया गया, आज के भारत में तेजी से शहरों के रूप में विस्तारित हो रहे क्षेत्रों में 38 करोड़ 10 लाख लोग रहते हैं और यह जनसंख्या पश्चिमी यूरोप की जनसंख्या के लगभग बराबर है। भारत के इन क्षेत्रों में रहने वाले 15 करोड़ 70 लाख लोगों के पास अपना शौचालय नहीं है।