भारत में पहली बार की गयी इनवेसिव ट्रांसऑर्बिटल-एंडोनासल सर्जरी

लखनऊ, लखनऊ स्थित संजय गांधी आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में स्फेनोइडल सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ) रिसाव के उपचार के लिये देश में पहली न्यूनतम इनवेसिव संयुक्त ट्रांसऑर्बिटल (प्रीकारुनकुलर) और एंडोनासल सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न कर एक नया इतिहास रचा गया है।

पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के ईएनटी विभाग के प्रोफेसर प्रो. आर.एस. विर्क, एसजीपीजीआई, लखनऊ के न्यूरोटोलॉजी (ईएनटी) यूनिट प्रमुख डॉ. रवि शंकर और गोवा के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. गोविंद भुस्कुटे के संयुक्त नेतृत्व से यह नवोन्मेषी सर्जिकल तकनीक आंसू उत्पादन के लिए जिम्मेदार महत्वपूर्ण विडियन तंत्रिका को संरक्षित करती है, और नाक को आपूर्ति करने वाली स्फेनोप्लाटिन धमनी की रक्षा करती है।

तेजी से रिकवरी सुनिश्चित करके, बिना किसी दिखने वाले निशान के कार्य और उपस्थिति दोनों को बनाए रखते हुए, यह प्रगति मानव प्रतिभा की उल्लेखनीय क्षमता को दर्शाती है। भारत अब दुनिया भर में केंद्रों के एक चुनिंदा समूह के साथ खड़ा है। सर्जरी के क्षेत्र में अब तक दुनिया भर में ऐसे केवल पांच मामले ही किए गए हैं, और भारत में यह पहली बार सफलतापूर्वक किया गया है। जो जटिल सीएसएफ लीक के लिए अत्याधुनिक न्यूनतम इनवेसिव खोपड़ी आधार सर्जरी की पेशकश करता है, जो रोगी देखभाल और सर्जिकल उत्कृष्टता में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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