पिछले 17 साल के दौरान भारत परिवारों की संपत्ति सालाना 9.9 प्रतिशत की दर से बढ़ी है जबकि वैश्विक स्तर पर यह छह प्रतिशत की दर से बढ़ी है। लेकिन इस वृद्धि में देश का हर तबका साझेदार नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है हालाँकि, भारत में संपत्ति बढ़ रही है, लेकिन इस विकास में सभी साझेदार नहीं हैं।
देश के वयस्क आबादी में 92 प्रतिशत की संपत्ति अब भी 10 हजार डॉलर से कम है। उसने कहा है कि आबादी के सिर्फ आधी फीसदी लोगों के पास एक लाख डॉलर से ज्यादा की संपत्ति है, लेकिन उनकी संख्या 42 लाख है। पाँच करोड़ डॉलर से ज्यादा की संपत्ति वाले धनाढ्यों के मामले में वर्ष 2017 के मध्य में भारत 14वें स्थान पर है। इस मामले में अमेरिका पहले, चीन दूसरे और जर्मनी तीसरे स्थान पर है।
देश में इस समय मिलेनेयरों यानि 10 लाख डॉलर या इससे ज्यादा की संपत्ति वालों की संख्या दो लाख 45 हजार है जो वर्ष 2022 तक 52 प्रतिशत बढ़कर तीन लाख 75 हजार पर पहुँच सकती है। इसमें कहा गया है कि मिलेनेयरों के बढ़ने की रफ्तार के मामले में इन पाँच साल के दौरान भारत के सिर्फ अर्जेंटिना और ब्राजील से पीछे रहने का पूर्वानुमान है।
इसमें कहा गया है भारतीय परिवारों की कुल संपत्ति वर्ष 2000 से 2017 के दौरान चार गुणा बढ़कर 50 खरब डॉलर पर पहुँच गयी है। अगले पाँच साल के दौरान इसके 42 प्रतिशत बढ़कर 71 खरब डॉलर पर पहुँचने का पूर्वानुमान है।