छत्रपति संभाजीनगर, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि भारत विकास के असीमित अवसरों वाला देश है और उन्होंने युवाओं से इन अवसरों को पहचानने तथा देश की प्रगति में योगदान देने की अपील की।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यहां डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय (बीएएमयू) के 65वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते कहा कि पिछले एक दशक में देश ने प्रौद्योगिकी और वित्तीय क्षेत्र में प्रगति की है। उन्होंने कहा, “हम दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गए हैं और तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। देश में अपार संभावनाएं हैं और अब हम विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, संचार, इंटरनेट सुविधाओं, प्रौद्योगिकी का उपयोग करके आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया के कुल वित्तीय लेन-देन का पंद्रह प्रतिशत हमारे देश में होता है। जब तक देश के युवा हमारे देश में उपलब्ध विकास के अवसरों को नहीं समझेंगे, हम तेजी से आगे नहीं बढ़ सकते।”
उन्होंने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों या छोटे शहरों से आने वाले युवाओं के सामने स्टार्ट-अप के रूप में असीमित अवसर हैं। समुद्री प्रौद्योगिकी से लेकर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तक विभिन्न क्षेत्रों में अवसर हैं। एक विकसित भारत हमारा सपना है, और हम इसकी ओर बढ़ रहे हैं। युवाओं के लिए नए अवसरों का उपयोग करके देश के विकास का नेतृत्व करना आवश्यक है। हमें राष्ट्र प्रथम की मानसिकता के साथ प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए तेजी से और निर्णायक रूप से आगे बढ़ना होगा। हम सामाजिक सामंजस्य, विविधता में एकता, सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण, बुजुर्गों के सम्मान, पर्यावरण संरक्षण के मूल्यों को अपनाकर प्रगति कर सकते हैं। स्वदेशी, भारतीयता का गौरव और समर्पित भावना देश को शीर्ष पर ले जा सकती है। देश के खिलाफ ताकतों को दरकिनार करके इसे हासिल करने के लिए युवाओं को पहल करनी होगी।”
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि जीवन में असफलता अस्थायी है, लेकिन इसे लगातार प्रयासों से दूर किया जा सकता है।