काठमांडू, माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड बुधवार को नेपाल के प्रधानमंत्री चुन लिये गए.अपने भारत विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले प्रचंड को सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस का समर्थन मिला. इसके अलावा मधेसी पार्टियों ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया. नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देवबा ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख प्रचंड की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया था और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा ने इसका समर्थन किया था. यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले नेपाली राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने बहुमत वाली सरकार के गठन के लिए सभी राजनीतिक दलों का नए सिरे से आह्वान किया था.
माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड नेपाल के 39 वें पीएम बने। बुधवार को 595 सदस्यीय संसद में 573 वोट पड़े, जिनमें से 363 वोट प्रचंड को मिले. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल और नेपाल कांग्रेस के सपोर्ट वापस लेने के बाद 24 जुलाई को केपी शर्मा ओली ने पीएम की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद नेपाल में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था. बता दें कि प्रचंड दूसरी बार पीएम बने हैं. पीएम बनने के बाद उन्होंने कहा- ” मैं देश की इकोनॉमी और विकास पर ध्यान दूंगा।” नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी और सपोर्ट की बात की.
इससे पहले, केपी ओली ने बीते 24 जुलाई को नेपाल के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद भारत के इस पड़ोसी देश में नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया था. उम्मीद है कि प्रचंड के प्रधानमंत्री चुने जाने से नेपाल में राजनीतिक स्थिरता आएगी.