नई दिल्ली, केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि वह रबड़ की गोलियों जैसा भीड़ नियंत्रण विकल्प तलाश रहा है लेकिन यह पैलेट गन जैसा घातक नहीं हो जिसे कश्मीर घाटी में हिंसा को शांत करने के लिए अंतिम उपाय के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सोमवार को इन बातों के साथ कहा कि केन्द्र ने पैलेट गनों के अलावा तीखी गंध वाले पानी की बौछार, लेजर डैजलर और मिर्च वाली गोलियों जैसे अन्य विकल्पों पर गौर किया जो विवादित पैलेट गनों की तरह बहुत सफल नहीं पाए गए।
इन दलीलों से पहले शीर्ष अदालत ने घाटी में हिंसक भीड़ से निपटने के लिए पैलेट गनों के प्रयोग से उत्पन्न मुद्दों को बहुत महत्वपूर्ण बताया। इसे संवेदनशील मुद्दा बताने वाली अदालत ने पैलेट गनों के प्रयोग के खिलाफ पाबंदी की मांग करने वाली जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, श्रीनगर को इस मामले का राजनीतिकरण करने पर लेकर चेताते हुए कहा कि वह किसी का पक्ष नहीं ले सकता क्योंकि वह न तो सुरक्षा बल और ना ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ है। पीठ ने हिंसक भीड़ से निपटने के तरीकों से जुड़ी रिपोर्ट पर भी गौर किया। पीठ 28 अप्रैल को इस मामले में आगे की सुनवाई करेगी।