भुवनेश्वर, हॉकी जगत के शीर्ष आयोजन एफआईएच ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 का आगाज शुक्रवार को यहां कलिंगा स्टेडियम में अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका के बीच मुकाबलेे के साथ होगा।
भारत चौथी बार और लगातार दूसरी बार इस टूर्नामेंट का आयोजन कर रहा है। साल 2018 में जब 16 टीमें भुवनेश्वर में खिताब के लिये भिड़ी थीं तब बेल्जियम और नीदरलैंड ने सभी चुनौतियों को पार करते हुए फाइनल में जगह बनायी थी, जबकि बेल्जियम ने खिताबी मुकाबला जीतकर विश्व कप अपने नाम किया था।
इस बार विश्व कप में मेज़बान भारत, वेल्स, इंग्लैंड, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, चिली, मलेशिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड, कोरिया, जापान, गत उपविजेता नीदरलैंड और गत विजेता बेल्जियम सहित 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं।
पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा बार विश्व कप के खिताब जीते हैं, हालांकि इस बार टूर्नामेंट के लिये क्वालीफाई नहीं कर
सका। ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड दो-दो बार विश्व चैंपियन बने हैं, जबकि जर्मनी ने दो बार ट्रॉफी उठाई है। भारत और गत चैंपियन बेल्जियम ने सिर्फ एक-एक बार विश्व कप जीता है।
भुवनेश्वर का कलिंगा स्टेडियम एक बार फिर विश्व कप मुकाबलों का साक्षी बनेगा। ओडिशा के सबसे पुराने अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम की नींव तत्कालीन मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने 1978 में रखी थी और यह 16,000 लोगों की क्षमता रखता है। विश्व कप 2023 के क्वार्टरफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले इस ऐतिहासिक स्टेडियम में ही खेले जायेंगे।
मेज़बान ओडिशा ने विश्व कप के लिये कलिंगा स्टेडियम के अलावा राउरकेला में बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम भी तैयार किया है। प्रसिद्ध आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर बनाया गया यह मैदान दुनिया का सबसे बड़ा फील्ड हॉकी स्टेडियम है। आधिकारिक रूप से एक सप्ताह पहले खुले इस स्टेडियम के निर्माण में कुल 260 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और इसमें 20,000 लोग बैठकर हॉकी का आनंद ले सकते हैं।
भारत अपने हॉकी विश्व कप अभियान की शुरुआत इसी स्टेडियम में शुक्रवार को शाम सात बजे स्पेन के खिलाफ करेगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस अपराह्न तीन बजे के मुकाबले में आमने-सामने होंगे, जबकि दिन का तीसरा मुकाबला इंग्लैंड और वेल्स के बीच शाम पांच बजे होगा।
भारत और स्पेन इससे पूर्व 30 मैचों में आमने-सामने आये हैं। भारत ने इसमें से 13 मुकाबले जीते हैं, जबकि 11 मुकाबले स्पेन के पक्ष में गये हैं। छह मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। एफआईएच हॉकी प्रो लीग में पिछले साल दोनों देश दो बार आमने-सामने आये जिसमें एक मुकाबला ड्रॉ रहा जबकि दूसरा स्पेन ने एक गोल के अंतर से जीता। टोक्यो ओलंपिक 2020 में हालांकि भारत ने स्पेन को 3-0 से परास्त किया था।
भारत को ग्रुप-डी में स्पेन के बाद इंग्लैंड (15 जनवरी) और वेल्स (19 जनवरी) का सामना करना है। भारत ने पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में इंग्लैंड के साथ 4-4 से ड्रॉ खेला था, जबकि वेल्स को उसने 4-1 से मात दी थी। घरेलू परिस्थितियों में भारत अपने पूल की सभी टीमों से मजबूत है और वह तीनों मुकाबले जीतकर पूल-डी में शीर्ष पर रहना चाहेगी।
एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 के प्रारूप के अनुसार अगर भारत अपने पूल में शीर्ष पर रहता है तो वह सीधा क्वार्टरफाइनल के लिये क्वालीफाई करेगा। यदि भारत दूसरे या तीसरे स्थान पर रहता है तो उसे पूल-सी की किसी टीम के खिलाफ ‘क्रॉसओवर’ मुकाबला जीतकर क्वार्टरफाइनल में जगह बनानी होगी।
इस टूर्नामेंट के दौरान भारतीय हॉकी प्रेमियों की निगाहें कप्तान और ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत पर टिकी होंगी। हरमनप्रीत राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिये सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी रहे थे और यहां भी उनकी ड्रैग फ्लिक से भारत को कई उम्मीदें होंगी। हरमनप्रीत के अलावा गोलकीपर पीआर श्रीजेश भी भारत के लिये महत्वपूर्ण होंगे। टोक्यो ओलंपिक में भारत की कांस्य पदक जीत में श्रीजेश ने अहम भूमिका निभाई थी और अपने चौथे विश्व कप में वह उस कारनामे को दोहराकर भारत को जिताने के इच्छुक होंगे।
विश्व कप 2018 में भारत छठे स्थान पर रहा था। हरमनप्रीत की टीम इस बार तस्वीर बदलकर दूसरी बार विश्व चैंपियन बनना चाहेगी।