नयी दिल्ली, भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति मे आम सहमति बन जाने से,राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले विधेयक का रास्ता साफ हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक, भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति मे आम सहमति बन चुकी है. राज्य सभा की 25 सदस्यीय इस प्रवर समिति में शरद यादव, रामगोपालय यादव, सतीश मिश्रा और प्रफुल्ल पटेल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं.गवाहियां पूरी हो चुकी हैं और राज्यों की ओर से भी समिति को जवाब मिल चुके हैं.
खास बात यह है कि अधिकांश राज्यों ने इस बिल को अपना समर्थन दिया है. जिससे जल्द ही रिपोर्ट फाइनल हो जाएगी. समिति को संसद सत्र शुरू होने के पहले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश करनी है इसलिए माना जा रहा है कि 17 जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में 21 जुलाई से पहले राज्यसभा में इसे पेश कर दिया जाएगा.
लोकसभा पहले ही इस बिल को पारित कर चुकी है। ऐसे में अगर कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ तो राज्यसभा में भी इस बिल को मंजूरी मिल जाएगी. मंजूरी मिलने के बाद ओबीसी वर्ग के लिए बनाए गए पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मिल जाएगा.अप्रैल में राज्यसभा में विपक्ष के विरोध की वजह से इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजा गया था। इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष में इसे लेकर जमकर तकरार हुई थी.