नई दिल्ली, भाजपा से बढ़ती नजदीकी की अटकलों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस और राजद के साथ उनकी पार्टी का महागठबंधन एकजुट है और महागठबंधन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उनके अनुसार राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर महागठबंधन के दलों की राय भले ही अलग-अलग हो, लेकिन बिहार से जुड़े मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं है। नितीश ने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिये बेनामी संपत्तियों को जब्त करें मोदी।
नोटबंदी का समर्थन करते हुए उन्होंने संसद के भीतर इसका विरोध कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव का बचाव किया। दिल्ली में कार्यकर्ताओं के संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी नोटबंदी का समर्थन करती है, क्योंकि यह देश के हित में है। यह कालाधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में पहला अहम कदम है। लेकिन सिर्फ इससे कालाधन और भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। इसके लिए सरकार के बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिहार की तरह पूरे देश में शराबबंदी लागू करने की जरूरत बताई। उनके अनुसार शराब का कारोबार सबसे अधिक कालाधन पैदा करता है। कांग्रेस और राजद के नोटबंदी के विरोध के कारण महागठबंधन में टूट की आशंका को खारिज करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन बिहार की राजनीतिक हालात की उपज है और उनके बीच इसको लेकर कोई मतभेद नहीं है। उनके अनुसार जदयू, राजद और कांग्रेस के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है। इसीलिए राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर उनकी अलग-अलग राय होना गलत नहीं है।
वैसे उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस भले ही नोटबंदी का विरोध कर रही हो, लेकिन राजद ने आधिकारिक तौर पर कभी इसका विरोध नहीं किया है। इसके लिए उन्हें उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बयानों का हवाला दिया। राज्यसभा में नोटबंदी के मुखर विरोध पर शरद यादव का बचाव करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने नोटबंदी को वापस लेने की मांग कभी नहीं की है। इसके बजाय शरद यादव नोटबंदी के कारण आम लोगों की हो रही दिक्कतों का मुद्दा उठाते रहे हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। नोटबंदी के विरोध में विपक्षी दलों की एकजुटता को 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की शुरूआत मानने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। पहले इस तरह के सभी प्रयास विफल रहे हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से जदयू को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। बाद में एक कार्यक्रम में बिहार की तरह उत्तरप्रदेश में महागठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि बसपा और सपा की एकजुटता के बिना महागठबंधन की बात बेमानी है। बिहार में दो दशकों तक एक-दूसरे खिलाफ लड़ने वाले दल एक साथ आए थे, इसीलिए उसे महागठबंधन कहा गया। लेकिन उप्र में केवल विभिन्न दलों के बीच अलग-अलग गठबंधन हो रहा है।