लखनऊ, अंबेडकर के 61वें परिनिर्वाण दिवस पर बसपा प्रमुख मायावती ने दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग को टारगेट करते हुए कहा कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट का विरोध कर, बीजेपी ने पिछड़ों का बड़ा नुकसान किया है। मंडल कमीशन की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने के मामले में बीजेपी ने जबर्दस्त विरोध किया। जिसके कारण ओबीसी की मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू नही की गई।
मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियों ने हमेशा से समाज को बांटने का काम किया है। मायावती ने कहा कि दलितों और पिछड़ों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस हमेशा फर्क पैदा करती रहीं है। मंडल कमीशन की रिपोर्ट के विरोध में बीजेपी ने देश भर में प्रदर्शन किया था। बीजेपी की चाल, चरित्र व नीयत हमेशा एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी रही है। बीजेपी ने न केवल मंडल कमीशन की रिपोर्ट का विरोध किया बल्कि इसके खिलाफ उग्र आंदोलन को भड़काने का कार्य किया। और उसके लिये बीजेपी ने कमंडल का प्रयोग किया। मंडल प्रभाव को खत्म करने के लिये ही बीजेपी ने राम मंदिर आंदोलन चलाया।
उन्होने कहा कि बीजेपी, बाबा साहेब के सिद्धांतों की विरोधी है। बसपा ने वीपी सिंह सरकार को ३ खास शर्तों पर समर्थन दिया था। इन तीन शर्तों मे मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करना, डा० अम्बेडकर को भारत रत्न से सम्मानित करना , बीजेपी का एजेण्डा लागू नही होने देना शामिल था। और वीपी सिंह सरकार ने ये तीनों काम किये।
बीजेपी को दलित विरोधी बताते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी एससी, एसटी, ओबीसी के लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रहें हैं। बीजेपी शासित राज्यों में प्राइवेट सेक्टर को सरकारी काम मे लगाकर, आरक्षण को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। यही वजह है कि बीजेपी प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू नहीं कर रही है। उन्होने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण बसपा के संघर्ष की देन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और बीजेपी के लोग मुस्लिम समाज के गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण सपने में भी देने को नहीं तैयार हैं> बीएसपी इसके लिए संसद के अंदर और बाहर आवाज उठाती रही है