लखनऊ, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और कुशासन की श्रृंखला (क्रोनोलाॅजी) का हिस्सा बताते हुए सरकार से पूछा कि इस कड़ी में अगला नंबर किस मंत्री का है।
उल्लेखनीय है कि खटीक ने मंगलवार को जलशक्ति विभाग में तबादलों एवं अन्य याेजनाओं में भ्रष्टाचार होने तथा अधिकारियों द्वारा उनकी उपेक्षा किये जाने की शिकायत केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से करते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की।
अखिलेश यादव ने तबादलों के मुद्दे पर योगी सरकार में मचे घमासान को ‘विद्रोह’ करार दिया। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “उप्र भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और कुशासन की क्रॉनॉलॉजी समझिए: पहले लोक निर्माण विभाग के मंत्रालय में विद्रोह, फिर स्वास्थ्य मंत्रालय में विद्रोह, अब जल शक्ति मंत्रालय में विद्रोह। जनता पूछ रही है, उप्र की भाजपा सरकार ईमानदारी से बताए कि अब अगली बारी किसकी है?”
इस मुद्दे पर एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा, “जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले, ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।”
इस मामले में सपा ने भी योगी सरकार में दलित मंत्री के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे खटीक के इस्तीफे का पत्र ट्वीट करते हुए सपा की ओर किये गये ट्वीट में कहा गया, “भाजपा सरकार में दलित मंत्री के साथ हो रहा भेदभाव! यूपी सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने पत्र लिख बयां की अपनी पीड़ा, कहा दलित होने के कारण सीनियर मंत्री,विभाग के अफसर नहीं सुनते बात। यह है भाजपा का असली चेहरा! जो पिछड़े, दलितों का हमेशा करते अपमान। इस्तीफ़ा दें जलशक्ति मंत्री।”