इंफाल, मणिपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्गो पर आर्थिक नाकेबंदी के पैदा हुए हालात को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलें। यह मुलाकात मणिपुर उच्च न्यायालय के सोमवार को यह कहने के बाद हुई है कि एनएच 2 और 37 पर आवश्यक सामानों की आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रयास संतोषजनक नहीं हैं। कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार की बैठक में इबोबी से इस संबंध में सभी प्रयास करने को कहा गया था।
मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। गृह मंत्री ने उनसे पूछा कि आख़िर क्या वजह है कि हाइवे खोलने में राज्य सरकार अभी तक नाकाम रही है, जबकि जितनी फ़ोर्स राज्य ने मांगी थी, केन्द्र ने भेज दी। राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि राज्य सरकार राज्य में चल रही आर्थिक नाकेबंदी को हटाने में विफल रही है।
गृह मंत्रालय ने पीछे साल 15 नवंबर को मणिपुर सरकार और यूनाइटेड नगा काउंसिल के लोगों को बातचित के लिए बुलाया था, लेकिन मणिपुर सरकार ने इस बातचीत में भी हिस्सा नहीं लिया।नगा समूह के आंदोलन से मणिपुर का राजमार्ग संख्या-2 बीते 80 दिनों से बंद पड़ हुआ है। आंदोलनकारियों ने इस राजमार्ग की नाकेबंदी की वजह से सरकार के विकास का चक्का यहां आकर थम गया है। मार्च के महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने हाल ही में कहा था कि नाकेबंदी पूरी तरह से अस्वीकार्य है और अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को स्थिति से निपटने के लिए मणिपुर रवाना कर दिया गया है। असम से माल से लदे हुए सैकड़ों ट्रक और तेल टैंकर राष्ट्रीय राजमार्ग 37 से गुजरते हैं। नागालैंड के नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन समूह ने राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर मणिपुर से सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है, क्योंकि उसे लगता है कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। यूएनसी पुलिस हिरासत में बंद अपने परिषद के अध्यक्ष गैदन कामेई और प्रचार मामलों के सचिव स्टीफेन लैमकंग की रिहाई और सेनापति जिले में स्थित अपने कार्यालय में बातचीत करने की मांग कर रहा है। हालांकि इबोबी ने कहा है, यूएनसी को पहले नाकेबंदी खत्म करते हुए इसे दोबारा न करने की प्रतिबद्धता जतानी होगी। वार्ता दिल्ली या कहीं भी हो सकती है। उन्होंने कहा, यूएनसी आयोजन स्थल का चुनाव नहीं कर सकती, क्योंकि इसकी देखादेखी अन्य समूह और संगठन भी भविष्य में इसका ऐसा ही करेंगे। इस बीच, सामानों से भरे 1,500 ट्रक और तेल टैंकर असम से सटे मणिपुर के जिरिबाम कस्बे में सुरक्षा कवर के इंतजार में खड़े हैं।