प्रतापगढ़, विधानसभा चुनाव का मतदान शान्ति पूर्ण बीत गया, जो राहत की बात है। जिला पुलिस-प्रशासन की किलेबंदी व पैरामिलिट्री की चहलकदमी ने अराजकतत्वों की मंशा पूरी नहीं होने दी, लेकिन अभी चुनौती बाकी है। प्रशासन के सामने सबसे बड़ा टेंशन यह है कि मतगणना के अगले ही दिन होलिका दहन भी होना है। जो जिला प्रशासन के लिए चुनौती है। चौथे चरण में बेल्हा का चुनाव संपन्न कराया गया। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार 11 मार्च को मतगणना होगी। इसमें जीत-हार को लेकर शक्ति प्रदर्शन और प्रतिक्रिया की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। वैसे भी होली के बहाने जिले में कई बार बवाल हो चुके हैं। इस बार तो मतगणना भी पर्व के महज एक दिन पहले है।
जाहिर सी बात है जो प्रत्याशी जीतेंगे, वह और उनके समर्थक अति उत्साह में होंगे। हारने वाले लोगों में भी बदले की टीस पैदा हो सकती है। इसको लेकर तनातनी, मारपीट और विवाद की आशंका है। प्रशासन के खुफिया तंत्र ने भी कुछ ऐसे इनपुट दिए हैं। इसको लेकर पुलिस प्रशासन के आला अफसर सतर्क हो गए हैं। मतगणना स्थल महुली में तो किलेबंदी है ही, हर थानाध्यक्ष को सीधे शांति व्यवस्था का जवाबदेह बनाया गया है। एसपी रोहन पी कनय ने सभी सीओ से कहा है कि वह मतगणना व होली के माहौल को लेकर विशेष सावधानी बरतें। अपने सहयोगियों को सक्रिय करें। डायल 100 टीम भी अपनी गति बनाए रखे। किसी नई जगह पर होलिका लगाने और जलाने की छूट किसी को न दी जाय। बिना अनुमति के चौराहों पर कार्यक्रम न किए जाएं। इसके अलावा 11, 12, 13 मार्च को जिले के हर चौराहे पर पुलिस नजर आनी चाहिए। गौरतलब है कि जिले में इस बार 87 उम्मीदवारों ने अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाई है। चुनाव प्रचार के दौरान कुंडा और रामपुर खास में प्रत्याशियों के साथ मारपीट, उनको धमकी और समर्थकों की घेराबंदी को देखते हुए शासन स्तर से भी खास सतर्कता बरतने के निर्देश मिले हैं। इसके मद्देनजर पुलिस ने तैयारी पूरी कर ली है। एसपी का कहना है कि किसी को भी शांतिभंग की ढील नहीं दी जाएगी।