मथुरा, उत्तर प्रदेश के मथुरा में 30 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जायेगी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली हैं। सेवा संस्थान ने जन्माष्ट्रीय पर जन्मस्थान में प्रवेश न कर पाने वाले भक्तों को ठाकुर जी के अभिषेक के दिव्य दर्शन के लिए वहां बड़े आकार की एलईडी लगाई जा रही है।
जन्माष्टमी की व्यवस्थाओं के संबंध में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने आज यहां बताया के श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि जन्मस्थान के बाहर रहने वाले श्रद्धालुओं को भी ठाकुर के अभिषेक के दर्शन उसी प्रकार से हों सकें ,जिस प्रकार जन्मस्थान के अन्दर रहने पर होती है। उन्होंने बताया कि इस बार मथुरा में 30 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि वैसे तो मथुरा, वृन्दावन गोवर्धन, नन्दगांव,महाबन आदि के मन्दिरों में अलग अलग तरीके से जन्माष्टमी मनाई जाती है । राधारानी की नगरी वृन्दावन के तीन मन्दिरों में तो दिन में जन्माष्टमी मनाई जाती है लेकिन श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जन्माष्टमी का प्रत्येक भक्त के लिए विशेष आकर्षण इसलिए होता है कि वह उस दिव्यस्थान पर प्रभु के दर्शन कर स्वयं को धन्य समझता है।
श्री शर्मा ने बताया कि यही कारण है कि जन्माष्टमी पर मथुरा आने वाला हर भक्त श्रीकृष्ण जन्मस्थान के अन्दर प्रवेश कर जन्म की झांकी स्वयं देखना चाहता है। श्रद्धालुओं की इस जिज्ञासा को समझते हुए ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने जन्मस्थान के बाहर रहने वालों के लिए बड़े आकार की एलईडी जन्मस्थान के बाहर लगवा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर ठाकुर ’’वेणु मंजरिका’’ पुष्प बंगले में विराजेंगे तथा ’’ मोर्छलासन ’’ पर विराजमान होकर ठाकुर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। उन्होंने बताया कि जहां रजत कमल पुष्प में ठाकुर का प्राकट्य एवं अभिषेक होगा वही स्वर्णमण्डित रजत कामधेनु स्वरूपा दिव्य गौ प्रतिमा ठाकुर का प्रथम अभिषेक करेगी। उनका कहना है कि श्रद्धालु जब जन्मस्थान के गर्भगृह में प्रवेश करेंगे तो उन्हें कारागार की अनुभूति होगी।