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अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रभुलाल मालवीय ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों पर जुर्म साबित करने के लिए अदालत के सामने 11 गवाह पेश किये गये थे. उन्होंने बताया कि पशुपालन के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए व्यापमं ने प्रदेश भर में 19 मई 2013 को परीक्षा आयोजित की थी. इस सिलसिले में इंदौर के एक सरकारी स्कूल में बनाये गये परीक्षा केंद्र में बारिया ने अपनी जगह राजावत को बतौर उम्मीदवार बैठाया था. मालवीय ने बताया कि प्रवेश परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक ने जब अपने पास मौजूद रिकॉर्ड के आधार पर देखा कि प्रवेश पत्र पर बारिया की जगह किसी दूसरे व्यक्ति की तस्वीर लगी है, तो उसे शक हुआ. जब राजावत से सख्ती से पूछताछ की गयी, तो उसने कबूल किया कि वह बारिया की जगह फर्जी तौर पर प्रवेश परीक्षा में शामिल हो रहा था.