मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के सेना संस्करण का सफल परीक्षण

नयी दिल्ली ,  रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और सेना ने ओडिशा के तट से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के सेना संस्करण के सफल उड़ान-परीक्षण किये हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को तेज गति के हवाई लक्ष्यों के खिलाफ मिसाइल के चार ऑपरेशनल फ्लाइट-ट्रायल किए गए। मिसाइलों ने हवाई लक्ष्यों को इंटरसेप्ट कर उन्हें नष्ट कर दिया। परीक्षण लंबी दूरी, छोटी-दूरी, अत्यधिक ऊंचाई और कम ऊंचाई पर चार लक्ष्यों को निशाना बनाकर किये गये थे। इससे सेना की संचालन क्षमता प्रमाणित हुई है।
उड़ान-परीक्षण हथियार प्रणाली के साथ किये गये। हथियार प्रणाली के प्रदर्शन को एकीकृत टेस्ट रेंज, चांदीपुर द्वारा तैनात रैंडर और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा कैप्चर किए गए फ्लाइट डेटा के माध्यम से प्रमाणित किया गया। ये परीक्षण डीआरडीओ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किए गए।
इन परीक्षणों ने सेना की परिचालन क्षमता को साबित कर दिया है और दो रेजिमेंटों में हथियार प्रणालियों के संचालन का मार्ग प्रशस्त किया है।
इस मिसाइल प्रणाली को सेना द्वारा उपयोग के लिए डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, सेना और उद्योग जगत को सफल उड़ान-परीक्षणों के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि चार सफल परीक्षणों ने हथियार प्रणाली की क्षमता को फिर से स्थापित किया है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामात ने भी सफल उड़ान-परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की।

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