मनरेगा का नाम बदलने का प्रस्ताव दुर्भाग्यपूर्ण : अजय राय

लखनऊ, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को कहा कि संसद के मौजूदा सत्र में केन्द्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने का प्रस्ताव दुर्भाग्यपूर्ण है।

अजय राय ने यहां जारी बयान में कहा “ यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम इस योजना से हटाया जा रहा है। भाजपा सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि यह लोग गांधीवादी नहीं बल्कि गोडसेवादी हैं। पंडित नेहरू के प्रति इनका नफरत का भाव तो जगजाहिर था लेकिन इन्हें बापू से भी नफरत है यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है।”

उन्होने कहा यूपीए-1 की योजना मनरेगा ने ना सिर्फ इस देश में न्यूनतम मजदूरी को हकीकत बनाया बल्कि पिछले 20 वर्षों में यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ रही है। इसमें होने वाले दबाव कृषि मजदूरों के शोषण का रास्ता खोलेंगे। मसौदे से यह स्पष्ट है कि मजदूरों के कानूनी अधिकार खत्म होने जा रहे हैं।

अजय राय ने कहा कि नए फंडिंग पैर्टन अब राज्यों को 10 प्रतिशत के बजाय 40 प्रतिशत तक हिस्सेदारी देनी होगी जो कि ना सिर्फ बहुत मुश्किल है बल्कि राज्यों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा और यह योजना भी कमजोर होगी।

उन्हो ने कहा कि यह सरकार हमेशा से ही किसान और मजदूर विरोधी रही है। मनरेगा जैसी योजना को कमजोर कर इसने कृषि मजदूरों पर बड़ा कुठाराघात किया है।

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