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मनरेगा मजदूरों का भुगतान नहीं कर रही है सरकार: अजय राय

लखनऊ, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया कि प्रदेश में मनरेगा के तहत करीब एक करोड़ दस लाचा जॉब कार्ड धारकों का भुगतान केंद्र सरकार नहीं कर रही है।

पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में अजय राय ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत एक करोड़, 65 लाख, 11 हजार, 851 जॉब कार्ड धारक हैं, जिसमें एक्टिव जॉब कार्ड धारकों की संख्या एक करोड़ नौ लाख 33 हजार, 396 हैं। लगभग एक करोड़ 10 लाख जॉब कार्ड धारकों को पिछले 9 दिसंबर 2024 से उनकी मजदूरी का भुगतान केंद्र सरकार नहीं कर रही है। आज की तारीख में मजदूरों की बकाया धनराशि 99.75 करोड़ रूपये है। जबकि अधिनियम में प्रावधान है कि मजदूर को अपनी मजदूरी करने के 15 दिन के अंदर उसके खाते में मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए। अन्यथा नियम अनुसार .05 प्रतिशत प्रति विलंबित दिवस का हरजाना मिलना चाहिए।

उन्होने कहा कि प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार इन मजदूरों के खिलाफ एक षड्यंत्र कर रही है। भाजपा सरकार का मजदूरी विरोधी षड्यंत्र अब स्पष्ट हो चुका है और भाजपा चाहती है कि मजदूरों को जब मजदूरी इतनी देर से मिलेगी तो निश्चित तौर पर वह फिर से एक बार गांव से पलायन करके उद्योगपतियों के चौखट पर बंधुवा मजदूरी करने को मजबूर होंगे।

अजय राय ने कहा कि दूसरी तरफ इस योजना को लागू करने वाले 40000 संविदा कर्मी अल्प मानदेय में जीवन यापन कर रहे हैं, और वह भी उन्हें पिछले औसत आठ महीने से नहीं मिला है। इन संविदा कर्मियों को ईपीएफ का सामाजिक सुरक्षा कवच अप्रैल 2015 से ईपीएफ अधिनियम के अनुसार मिलना चाहिए, लेकिन आज तक कर्मियों के खाते में ईपीएफ का पैसा नहीं जमा हुआ। नतीजा यह है कि पिछले आठ वर्षों में 2000 से ज्यादा संविदा कर्मियों की मृत्यु हुई और उनके परिवारों को ईपीएफ का कोई लाभ नहीं मिल पाया।

उन्होने कहा कि इस प्रकरण में सबसे ज्यादा आपत्तिजनक बात यह है कि ईपीएफ में नियोक्ता का जो 13 प्रतिशत अंश होता है वह भी संविदा कर्मियों के मानदेय से काटा जा रहा है। यह न सिर्फ नियम विरुद्ध है बल्कि यह भाजपा सरकार की संविदाकर्मी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

अजय राय ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि होली के पहले सभी एक करोड़ 9 लाख जॉब कार्ड धारकों को उनकी बकाया मजदूरी नियमानुसार, हरजाना समेत उनके खाते में दी जाए। साथ ही 40000 संविदा कर्मी जो इस योजना को धरातल पर लागू कर रहे हैं उनका मानदेय भी होली के पहले दिया जाए। इसके अतिरिक्त जिन भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ईपीएफ अभी तक उनके खातों में नहीं जमा हुआ उन पर कड़ी कार्यवाही की जाए।