पणजी, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर रविवार दोपहर को नयी दिल्ली से अपने गृहराज्य लौट आए। नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अग्नाश्य संबंधी बीमारी को लेकर उनका इलाज चल रहा था। पर्रिकर एक विशेष विमान से यहां पहुंचे। फिर उन्हें एम्बुलेंस से डोना पॉला में उनके निजी निवास पर ले जाया गया। उनका विमान यहां डाबोलिम हवाई अड्डे पर दो बजकर 35 मिनट पर पहुंचा। नौसेना एंक्लेव आईएनएस हंसा के द्वार से एंबुलेंस लाया गया। आईएनएस हंसा नौसेना संचालित इस हवाई अड्डे का हिस्सा है।
पर्रिकर को रविवार सुबह को नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से छुट्टी मिल गई थी। एम्स के सूत्रों के अनुसार सुबह में स्थिति बिगड़ने पर उन्हें कुछ देर के लिए सघन चिकित्सा कक्ष में ले जाया गया था। बाद में अस्पताल प्रशासन ने उन्हें छुट्टी देने का निर्णय लिया। सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने मुख्यमंत्री के निजी निवास पर व्यापक इंतजाम किया है और उनकी सेहत की देखभाल के लिए डॉक्टरों की एक टीम तैयार की गयी है। पर्रिकर को 15 सितंबर को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था।
पर्रिकर ने यह सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को पार्टी की गोवा इकाई की कोर समिति के सदस्यों और गठबंधन के सहयोगी दलों के मंत्रियों के साथ एम्स में बैठक की थी कि खराब स्वास्थ्य के कारण उनकी अनुपस्थिति के दौरान सरकार सामान्य रुप से चलती रहे। पर्रिकर से अलग अलग भेंट करने वाले सत्तारुढ़ भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं ने इस तटीय राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से इनकार किया था। कोर समिति गोवा में पार्टी की अहम निर्णायक समिति है जिसमें पर्रिकर, नाईक, प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर आदि हैं।
पर्रिकर मध्य फरवरी से ही बीमार चल रहे हैं और उनका गोवा, मुम्बई और अमेरिका समेत विभिन्न जगहों के अस्पतालों में इलाज हुआ है। इससे पहले दिन में केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने यहां संवाददाताओं से कहा था कि यदि पर्रिकर का गोवा में इलाज चलता है तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उन्हें आराम की जरूरत होगी। उन्होंने कहा था, ‘‘पिछले महीने जब उन्हें एम्स ले जाया गया था, तब की तुलना में उनके स्वास्थ्य में सुधार आया है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह शुक्रवार को पर्रिकर से मिले थे।
उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे खबर मिली कि वह वापस आ रहे हैं लेकिन मुझे विश्वास नहीं होता कि वह लौट रहे हैं। उनका स्वास्थ्य सुधर रहा है और उनके कुछ और दिन एम्स में रुकने की संभावना थी। नाईक ने गोवा विधानसभा भंग किये जाने की किसी भी संभावना से इनकार किया और विश्वास व्यक्त किया कि पर्रिकर की अगुवाई वाली सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
पर्रिकर की अस्वस्थता के चलते विपक्षी कांग्रेस ने गोवा सरकार के स्थायित्व पर प्रश्न खड़ा किया है। गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा में पर्रिकर की अगुवाई वाली सरकार को 23 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उनमें भाजपा के 14, गोवा फारवार्ड पार्टी तथा महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के तीन तीन विधायक और तीन निर्दलीय विधायक हैं। विपक्षी कांग्रेस 16 विधायकों के साथ विधानसभा में सबसे बड़ा दल है।