आपने अक्सर स्कूल की प्रार्थना सभा में या घर पर बड़ों को अक्सर गायत्री मंत्र का जाप करते हुए देखा होगा। ओम भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् का यह जाप भले ही बेहद छोटा हो लेकिन उसका प्रभाव बेहद व्यापक है। अब तक आपने गायत्री मंत्र को केवल आध्यात्मिक रूप में ही देखा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि गायत्री मंत्र का जाप करने से आपको बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। तो आइए जानते हैं गायत्री मंत्र से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में… मिलती है दिमागी शांति आज की तनावभरी जीवनशैली में हर मनुष्य किसी न किसी प्रकार की चिंता से घिरा हुआ है। ऐसे में उसे सब कुछ मिल जाता है, अगर नहीं मिलती तो दिमागी शांति। इस प्रकार खुद को रिलैक्स करने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत अच्छा रहता है। दरअसल, जब आप किसी एकांत जगह पर बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो इस मंत्र के पहले अक्षर ओम से ही आपके होंठों, जीभ, तालू, गले और खोपड़ी में वाइब्रेशन होता है। यह वाइब्रेशन आपके शरीर से रिलैक्स हार्मोन रिलीज करते हैं, जिससे आपका तन व मन तरोताजा हो जाता है और आपको बेहद सुख व शांति का अनुभव होता है।
बढ़ती है एकाग्रता नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति की न सिर्फ याददाश्त तेज होती है, बल्कि वह अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक एकाग्र भी होता है। दरअसल, जब आप गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो उसके वाइब्रेशन से आपके सिर व चेहरे में मौजूद तीनों चक्र सक्रिय हो जाते हैं। और यह तीनों चक्र सीधे रूप से आपके मस्तिष्क, आंखों, साइनस, सिर के निचले हिस्से और थायराइॅड ग्रंथि से जुड़े होते हैं जो एकाग्रता में सुधार लाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। सुधरता है श्वसन तंत्र जब आप गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो उस समय आप अमूमन डीप ब्रीदिंग करते हैं। डीप ब्रीदिंग के कारण आपके फेफड़ों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती हैं तथा आपके शरीर में ब्लड सप्लाई भी बेहतर तरीके से होती है। इस प्रकार धीरे−धीरे यह मंत्र आपके श्वसन तंत्र मं भी सुधार लाता है। मिलता है स्वस्थ ह्दय यह तो आपने समझ लिया कि गायंत्री मंत्र आपके श्वसन तंत्र को सुधारकर आपके शरीर में रक्त संचरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। जिसका एक सकारात्मक असर आपके ह्दय पर भी पड़ता है। जब पूरे शरीर में रक्त संचरण अच्छा होता है तो आपका दिल भी बेहतर तरीके से पंप होता है। इसके कारण आपको दिल की बीमारी होने का खतरा बेहद कम हो जाता है।
तंत्रिकाओं की कार्यप्रणाली में सुधार गायत्री मंत्र का जाप करने से आपके जीभ, होंठ, तालु व वोकल कोर्ड व उससे जुड़े क्षेत्रों पर दबाव पड़ता है। इस वाइब्रेशन से आपके दिमाग में भी प्रतिध्वनि उत्पन्न होती है, जिससे आपकी तंत्रिकाओं का फंक्शन पहले से बेहतर होता है। इसके अतिरिक्त इस प्रतिध्वनि के कारण न्यूरोटांसमीटर भी रिलीज होता है, जिसके कारण आपके शरीर के आवेगों के चलन में भी मदद प्राप्त होती है। डिप्रेशन का खतरा नहीं यह तो हम सभी जानते हैं कि मॉडर्न युग में मनुष्य को तनाव, चिंताएं व अवसाद सौगात में मिला है। काम के बढ़ते बोझ के कारण उसकी खुशियां कहीं गुम हो गई हैं। ऐसे में गायत्री मंत्र का जाप करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। चूंकि गायत्री मंत्र आपको मानसिक रूप से शांति प्रदान करता है, इसलिए इससे आपको चिंता या अवसाद का शिकार नहीं होना पड़ता। जब मनुष्य आंतरिक रूप से शांत व खुशी का अनुभव करता है तो बाहर की चिंताएं उसके शरीर या मन को प्रभावित नहीं कर पातीं।