मुंबई, अमेरिकी टैरिफ में राहत दिये जाने के संकेत के बीच चीन की जवाब कार्रवाई में प्रोत्साहिन पैकेज और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बैंकिंग तंत्र में तरलता बढ़ाने की घोषणा से स्थानीय स्तर पर हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह डेढ़ प्रतिशत से अधिक उछले घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह वैश्विक रुख और फरवरी के महंगाई आंकड़ों पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1134.48 अंक अर्थात 1.55 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 74332.58 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 427.8 अंक यानी 1.93 प्रतिशत की मजबूती के साथ 22552.50 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली की रफ्तार अधिक तेज रही। इससे मिडकैप 1296.27 अंक अर्थात 3.4 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर 39888.29 अंक और स्मॉलकैप 2523.96 अंक यानी 5.6 प्रतिशत की तेजी के साथ 45606.86 अंक हो गया।
विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक ने संकेत दिया है कि ट्रंप सरकार कुछ टैरिफ में राहत दे सकती है, खासतौर पर कनाडा और मैक्सिको से आने वाले उत्पादों पर टैक्स में कटौती संभव है। इस घोषणा के बाद वैश्विक बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिला, जिससे भारतीय बाजार में भी तेजी आई।
ट्रंप प्रशासन की नीतियों जवाब में चीन द्वारा घोषित राहत पैकेज के कारण चीनी और जापानी बाजारों में मजबूती देखने को मिली। इसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा, जिससे सकारात्मक सेंटीमेंट बना रहा। इसके साथ ही अमेरिका द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा पर लगाए गए भारी टैरिफ भारतीय निर्यातकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इससे भारतीय कृषि उत्पादों, मशीन टूल्स, टेक्सटाइल्स, केमिकल्स और लेदर प्रोडक्ट्स की अमेरिकी बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे भारत को व्यापारिक लाभ मिल सकता है।
साथ ही आरबीआई ने बुधवार को घोषणा की है कि बैंकिंग तंत्र में तरलता बढ़ाने के लिए वह इस वर्ष 12 मार्च और 18 मार्च को दो अलग-अलग चरण में एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूति खरीदेगा। साथ ही 24 मार्च को 10 अरब डॉलर/रुपये की खरीद/बिक्री स्वैप ऑक्शन करेगा। इससे निवेशकों में खासा उत्साह रहा और जबरदस्त लिवाली से बाजार को बल मिला।
अगले सप्ताह इन कारकों के साथ ही स्थानीय स्तर पर फरवरी 2025 के महंगाई आंकड़ों पर निवेशकों की पैनी नजर रहेगी। अगले सप्ताह थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारिक थोक महंगाई और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े आने वाले हैं।
साथ ही अगले सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख का भी बाजार पर असर रहेगा। एफआईआई मार्च में अबतक कुल 15,501.57 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की जारी लिवाली ने बाजार को संतुलित रखने में मदद की है। डीआईआई इस महीने अबतक कुल 20,950.89 करोड़ रुपये के लिवाल रहे हैं।