महाकुंभ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साेमवार को महाकुंभ के कार्यो में देरी से अधिकारियों पर नाराज हुए और एक सप्ताह के अंदर काम पूरा करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने मेला कार्यालय में मीडिया ब्रीफिंग में कहा यहां पर पहली बार मां गंगा का रिवर फ्रंट लोगों को देखने को मिलेगा। अभी उन्होने दशाश्वमेध घाट पर गंगा पूजा की। जेटी के निर्माण का काम चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने 100 बेड का अस्थायी हॉस्पिटल बनाया है। इसके अलावा 25 बेड के हॉस्पिटल अलग-अलग जगहों पर बनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ एक महापर्व के साथ-साथ प्रयागराज के लिए एक अवसर भी है कि वह अपने आतिथ्य सेवा का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के लोगों से इस अवसर को एक सक्सेस स्टोरी में बदलने और प्रयागराज की ब्रांडिंग के लिए सहयोग का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सनातन गौरव के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ की तैयारी चल रही है। अब तक 20 हजार से अधिक संतों और संगठनों के साथ ही अन्य संस्थाओं को यहां पर रजिस्ट्रेशन करते हुए भूमि आवंटन के साथ जोड़ा गया है। इसमें सभी 13 अखाड़े, दंडीवाड़ा, आचार्य वाड़ा के साथ-साथ प्रयागवाल सभा और खाक चौक आदि को भूमि आवंटन की कार्रवाई की जा चुकी है। शेष अन्य लोगों को भी भूमि आवंटन की प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है। अन्य संस्थाओं के साथ ही नई संस्थाएं भी हैं, जिनको पांच जनवरी तक भूमि आवंटन किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। भूमि और अन्य प्रकार की सुविधाओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था डबल इंजन की सरकार द्वारा की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पहली बार महाकुम्भ में पांटून ब्रिज 22 से बढ़कर के 30 हो रहे हैं, जिसमें 20 अब तक तैयार हो चुके हैं और हर हाल में प्रयास है कि 30 तक सब सभी 30 के 30 पांटून ब्रिज बनकर तैयार हो जाएंगे। चेकर्ड प्लेट यहां पर कुल 651 किलोमीटर की बिछनी थी, जिसमें 330 किलोमीटर की चेकर्ड प्लेट्स अब तक बिछाई जा चुकी हैं। इसका कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है और यह भी समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा। अब तक मेला क्षेत्र में 250 साइनेजेस लगाए जा चुके हैं, जबकि सिटी के अंदर भी 661 स्थानों पर साइनेजेज लगाने का कार्य किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश जल निगम के द्वारा भी यहां पर व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। खासतौर पर यह प्रयास है कि सिंचाई विभाग के द्वारा अविरल और निर्मल गंगा के दर्शन हों, पर्याप्त मात्रा में संगम पर जल उपलब्ध होता रहे। अन्य वर्षों की तुलना में इस बार मां गंगा और मां यमुना ने बड़ी कृपा की है और काफी पर्याप्त मात्रा में जल मौजूद है। यही नहीं, जल शुद्ध है और स्नान व आचमन करने योग्य भी है।
यहां पर पहली बार मां गंगा का रिवर फ्रंट लोगों को देखने को मिलेगा। प्रयागराज में पहली बार रिवर फ्रंट और पक्के घाट बने हैं। ऐसे ही अरैल में भी एक घाट बन रहा है और प्रयास है कि 30 दिसंबर तक हर हाल में वह घाट बनाकर तैयार हो जाए। उन्होंने कहा कि जितने भी स्थाई और अस्थाई कार्य होने थे, इन पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। जेटी के निर्माण का कार्य का युद्ध स्तर पर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ के दौरान पहली बार प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु जनों को कॉरिडोर के माध्यम से भी प्रयागराज की झांकी देखने को मिलेगी। अक्षय वट कॉरिडोर का प्रधानमंत्री जी के कर कमल से उद्घाटन हो चुका है। बड़े हनुमान जी कॉरिडोर भी श्रद्धालु जनों को देखने का अवसर प्राप्त होगा। इसके साथ ही सरस्वती कूप कॉरिडोर, पातालपुरी कॉरिडोर, महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर के अलावा श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषाद राज कॉरिडोर तो विकसित हुए ही हैं, साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग, नागवासुकि मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के सुंदरीकरण और फसाड लाइटिंग के कार्य भी पूर्ण हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नगर निगम ने यहां पर द्वादश ज्योतिर्लिंग की बहुत अच्छी रेप्लिका बनाई है। साथ ही, त्रिवेणी पुष्प जो पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी जी की परिकल्पना थी, आज उसका एक भव्य रूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और परमार्थ आश्रम मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा टेंट सिटी के निर्माण का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। 20 हजार श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण के द्वारा टेंट सिटी स्थापित की जा रही है। इसके अलावा अन्य विशिष्ट जनों के लिए भी लगभग 5 से 6 हजार क्षमता वाले टेंटेज अलग-अलग स्थान पर बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज मेले में सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था की गई है। पहली बार आपदा मित्रों की तैनाती हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ आपदा मित्र भी इस पूरे मेले में श्रद्धालु जनों के सहयोग के लिए अपनी सेवा प्रदान करते दिखाई देंगे।