लखनऊ, बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की कवायद शुरू हो गयी है। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव भाजपा और बसपा को छोड़कर सभी दलों को एक मंच पर लाने की फिराक में है।
रजत जयंती समारोह में ही मुलायम सिंह यादव अन्य दलों के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में ही महागठबंधन की घोषणा करने वाले थे। लेकिन कार्यक्रम से नीतीश कुमार के किनारा करने और कुछ बातों को लेकर कांग्रेस से सहमति न बन पाने के कारण 05 नवम्बर को महागठबंधन की घोषणा नहीं हो सकी। रजत जयंती समारोह पर जनता परिवार को एक मंच पर लाकर मुलायम सिंह ने संभावित महागठबंधन के संकेत तो दे दिए लेकिन इस बात को तब और बल मिला जब 4 नवंबर की शाम कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बीच करीब 6 घंटे तक लंबी मीटिंग हुई। इस बैठक में शिवपाल यादव भी मौजूद रहे। इससे माना जा रहा है कि महागठबंधन अंतिम दौर में हैं।
प्रशांत किशोर इससे पहले भी 01 नवंबर को दिल्ली में शिवपाल सिंह यादव और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात कर चुके हैं। प्रशांत की शिवपाल यादव से मुलाकात जेडीयू सांसद केसी त्यागी ने कराई थी। दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया ने उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी से गठबंधन करने से साफ इन्कार किया है। राजबब्बर ने स्पष्ट भी किया है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस के प्रतिनिधि नहीं हैं वह हमें केवल सलाह दे सकते हैं।
दरअसल सपा के रजत जयंती समारोह में शामिल होने आये नेता लखनऊ के होटल ताज में ठहरे थे। उन्हीं के साथ कांग्रेस रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी शुक्रवार की रात इसी होटल में ठहरे। अखिलेश यादव होंगे महागठबंधन का चेहरा कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश को महागठबंधन का चेहरा बनाने की स्वीकृति दे चुके हैं। ऐसी खबर है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी अखिलेश के चेहरे के बिना इस महागठबंधन के पक्ष में नहीं है। जेडीयू भी अखिलेश के बिना गठबंधन के पक्ष में नहीं है। वैसे इन बातों से सपा को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सपा का मानना है कि महागठबंधन के नेता मुलायम सिंह बने ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस महागठबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर मूर्त रूप दिया जा सके। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने भी शनिवार को कहा था कि आज लोग चाह रहे हैं कि डाॅ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह के अनुयायी एक हों। उन्होंने कहा था कि साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए हमें एक होना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में बनने वाले महागठबंधन में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, जनता दल यूनाईटेड, एनसीपी और राष्ट्रीय जनता दल शामिल होंगे।