जम्मू, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश की महिलाओं से आगे आने और राष्ट्र के पुनर्निर्माण में योगदान देने तथा इसे नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की अपील की है। भागवत ने सोमवार को यहां एक महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, महिला शक्ति (मातृ शक्ति) को अपने परिवार की सेवा करने के अलावा आगे आना चाहिए और देश एवं समाज के लिए काम करना चाहिए जो राष्ट्र को नयी ऊंचाइयों तक ले जाएगा और राष्ट्र का पुनर्निर्माण करेगा। उन्होंने कहा, महिलाओं को आगे आना चाहिए और समाज कल्याण के कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए। उन्हें मिनी इंडिया बनाने की शुरूआत अपने घर से करनी चाहिए और किसी के बहकावे में आए बगैर समाज के लिए काम करना चाहिए। उन्हें अपने घर से शुरूआत करनी चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जब तक भारत की मातृ शक्ति सक्रिय नहीं होंगी तब तक भारत अपनी संभावनाओं और गौरव को हासिल करने में सक्षम नहीं होगा। महिलाओं के दिशानिर्देश में समूची दुनिया तरक्की कर रही है। भागवत ने कहा कि समाज में 50 फीसदी महिलाएं हैं और इसलिए महिलाएं समाज की तरक्की में एक सबसे अहम तत्व है। महिलाओं के भविष्य को बदले बगैर किसी देश, समाज और परिवार के भविष्य को नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा कि महिलाओं और पुरूषों के बीच कोई तुलना नहीं होनी चाहिए। यह नहीं कहा जाना चाहिए कि पुरूष श्रेष्ठ हैं या महिलाएं श्रेष्ठ हैं, बल्कि दोनों का ही समाज के कल्याण के लिए साथ काम करना सर्वोच्च है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है क्योंकि एक मां ही अपने बच्चों की शिक्षिका होती हैं।