महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर शुरू की गई ’नारी योजना’ आत्मनिर्भरता के नए अवसर प्रदान करेगी-राज्यपाल

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर शुरु की गई ”नारी योजना प्रदेश की बेटियों को तकनीक, स्टार्टअप, शोध, स्वास्थ्य, वेलनेस और आत्मनिर्भरता के नए अवसर प्रदान करेगी। यह योजना भविष्य के भारत को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

यह जानकारी आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गयी है।

श्रीमती पटेल आज चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल ‘सिनर्जीः एआई-ड्रिवन इनोवेशन फॉर वुमेन एम्पावरमेंट’ कार्यक्रम में बोल रही थी।

राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान ’नारी योजना’ (नर्चरिंग एआई रेवोल्यूशन फॉर इंक्लूजन वुमेन इन टेक) का शुभारंभ किया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस पहल से इनोवेशन की नई दिशाएँ और अवसर विकसित होंगे। नारी योजना के तहत विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न और मिशन विकसित भारत के प्रमुख स्तंभ महिला सशक्तीकरण के तहत उत्तर प्रदेश की महिलाओं को स्टार्टअप, रिसर्च, हेल्थकेयर और अकादमिक में सशक्त बनाने के लिए काम करेगा। योजना के तहत तीन वर्षों में 1500 महिलाओं को टेक स्किल्स, 150 महिला स्टार्टअप्स को सहायता और 2000 महिलाओं की स्वास्थ्य जांच का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल प्रति वर्ष 600-800 महिलाओं को सीधे लाभान्वित करेगी और महिला नेतृत्व को तकनीकी क्षेत्र में नई दिशा देगी। नारी योजना मिशन शक्ति तथा स्टार्टअप नीति के अनुरूप प्रदेश में महिला-प्रधान टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान सदी ‘भारत की सदी’ है और इस सदी की सबसे उज्ज्वल किरण भारत की बेटियाँ हैं। आज नारी शक्ति अपने परिश्रम और प्रतिभा के बल पर हर क्षेत्र में सफलता के शिखर पर पहुँच रही है। यह केवल सशक्तिकरण की कथा नहीं, बल्कि उस नई राष्ट्रीय चेतना का स्वर है जिसमें नारी ‘शक्ति’ के साथ-साथ ‘संरचना’ की आधारशिला भी बन चुकी है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान, खेल और नीति-निर्माण सहित हर क्षेत्र में भारत की महिलाएँ अपने योगदान से देश को गौरवान्वित कर रही हैं। हाल ही में क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में भारत की बेटियों द्वारा अदम्य साहस, कौशल और संकल्प के बल पर विश्व चौंपियन बनने को उन्होंने नारी-शक्ति के आत्मविश्वास और अदम्य इच्छाशक्ति की ऐतिहासिक विजय बताया।

उन्होंने कहा कि अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में भी भारत की महिलाएँ असाधारण प्रगति कर रही हैं तथा महिला वैज्ञानिक एवं शोधार्थी प्रतिवर्ष लगभग पाँच हज़ार पेटेंट दर्ज करा रही हैं, जो महिलाओं की बढ़ती वैज्ञानिक भावना और नवाचार क्षमता का सशक्त प्रमाण है। यह सशक्तिकरण केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है; ग्रामीण भारत की महिलाएँ भी ‘लखपति दीदी’, ‘ड्रोन दीदी’ और ‘बैंक सखी’ जैसी पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की नई मिसाल स्थापित कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण धुरी बन रही हैं। अब समय आ गया है कि नारी को केवल प्रेरणा का स्रोत भर न मानकर राष्ट्र निर्माण की सक्रिय सहभागी के रूप में स्वीकार किया जाए। शिक्षा, तकनीक, उद्यमिता और नवाचार में महिलाओं को समान अवसर प्रदान करके ही यह सदी वास्तविक अर्थों में भारत की सदी बन सकेगी।

राज्यपाल ने बताया कि विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उच्च शिक्षा में एनरोलमेंट के मामले में उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया है, जो युवाओं की आकांक्षाओं और परिश्रम का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज स्टार्टअप क्रांति का भी अग्रदूत बनकर उभरा है। प्रदेश में 17,000 से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं, जो यह दर्शाते हैं कि युवा न केवल सपने देखते हैं बल्कि उन्हें साकार करने का साहस और क्षमता भी रखते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 49 से अधिक जिलों में स्टार्टअप्स की सक्रियता से यह सिद्ध होता है कि नवाचार अब राजधानी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि गाँवों और कस्बों तक व्यापक रूप से फैल चुका है। प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित 7,236 स्टार्टअप, कुल स्टार्टअप का 42 प्रतिशत हैं। यह उपलब्धि नारी-शक्ति की प्रगति, उद्यमिता और संकल्प का सशक्त प्रतीक है तथा यह दर्शाती है कि प्रदेश की बेटियाँ सीमाओं को तोड़कर नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

राज्यपाल जी ने सी.यू.बी.ई-सीयू बिज़नेस एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेंटर का शुभारम्भ किया और कहा कि इसके माध्यम से हर साल 50 से अधिक महिला स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट किया जाएगा, जबकि सीड सपोर्ट पूल के तहत 5 से 10 लाख प्रति स्टार्टअप की सहायता उपलब्ध रहेगी, जिससे 30 से अधिक वूमेन-लेड वैचर्स को वार्षिक फंडिंग सपोर्ट मिलेगा। इसके साथ ही एंजल एवं वी-सी कनेक्ट्स, पीयर मॅटरिंग सर्किल्स और मार्केट एक्सेस के माध्यम से स्टार्टअप्स को सशक्त बनाया जाएगा, जिससे कम से कम 40 प्रतिशत स्टार्टअप्स की 2-ईयर सर्वाइवल रेट सुनिश्चित होगी। ।

राज्यपाल ने बालिकाओं के सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी टीकाकरण अभियान का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर 69 छात्राओं को एचपीवी वैक्सीन लगायी गयी। उन्होंने जागरुकता बढ़ाने, समय पर टीकाकरण कराने और महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। यह अभियान कैंसर-रहित और स्वस्थ समाज निर्माण की दिशा में सार्थक पहल एवं महिला स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यपाल अपने संबोधन में कहा कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश में आयोजित सिनर्जी महिला सशक्तिकरण हेतु एआई संचालित नवाचार जैसे दूरदर्शी आयोजन में उपस्थित होना अत्यंत हर्ष का विषय है। यह प्रशंसनीय है कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश की पावन धरा पर अपना विस्तार किया है। लखनऊ में स्थापित होने जा रही एआई सिटी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस न केवल शिक्षा जगत के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोलते हैं, बल्कि प्रदेश को आगामी तकनीकी क्रांति से जोड़ने वाली एक मजबूत कड़ी साबित होंगे।

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