महिला सशक्तीकरण की दिशा में दुवासु कर रहा है सराहनीय प्रयास: आनंदीबेन पटेल

मथुरा,  राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान (दुवासु) महिला सशक्तीकरण की दिशा में अच्छा प्रयास कर रहा है।

दुवासु के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये आनंदीबेन  पटेल ने कहा कि जिस प्रकार 46 प्रतिशत लड़ंकियों ने शैक्षणिक क्षेत्र में पुरस्कार प्राप्त किये हैं उससे कहा जा सकता है कि यह महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है। उन्होंने अधिक महिला भागीदारी के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की।

राज्यपाल ने कुपोषण जैसी कुछ गंभीर समस्याओं पर चर्चा की और छात्रों को इसके उन्मूलन की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बकरी के दूध के सेवन के महत्व पर भी प्रकाश डाला और गोद लिए गए गांवों के पांच स्कूलों के बच्चों को बकरी का दूध उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों को अच्छा कदम बताया।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की महिला अध्ययन केंद्र इकाई के प्रयासों की भी सराहना की, जो ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पशुधन क्षेत्र के महत्व और पशुधन उत्पादों की निर्यात क्षमता पर भी चर्चा की। गुणवत्ता शोध को प्रोत्साहित करने के लिए, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के लिए ’’एक राष्ट्र, एक सदस्यता’’ प्रस्ताव को भी रेखांकित किया।।
छात्रों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देने के लिये उन्होंने विभिन्न पदक प्रदान किए गए, जिनमें 15 स्वर्ण पदक, 04 रजत पदक एवं 02 कांस्य पदक शामिल थे । पशु चिकित्सा स्नातकों में शालवी श्रीवास्तव को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किया गया, जबकि यशवर्धन मिश्रा को रजत एवं नितीश कुमार को कांस्य पदक प्रदान किया गया । जैव प्रौद्योगिकी स्नातकों में शुभी तिवारी को स्वर्ण पदक, ज्योति सिंह को रजत पदक एवं तुषार बंधु को कांस्य पदक मिला ।

नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने दीक्षांत भाषण देते हुए भारतीय कृषि क्षेत्र विशेषकर पशुपालन क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की एवं पशुपालन क्षेत्र के सतत भविष्य तथा पशु चिकित्सा शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। इसके अतिरिक्त, एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी गंभीर समस्याओं एवं उसके समाधान की रणनीतियों पर भी मुख्य अतिथि ने प्रकाश डाला। इस समारोह में 64 पशु चिकित्सा स्नातकों, 19 जैव प्रौद्योगिकी स्नातकों, 42 स्नातकोत्तर छात्रों एवं 04 पीएचडी धारकों को उपाधियाँ प्रदान की गईं ।

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