लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के अस्पतालों में पहले से कार्य कर रही महिला स्वास्थ्य कर्मियों ;एएनएमद्ध को नियुक्ति में वरीयता देने के मामले में सरकार से 12 जनवरी को जानकारी मांगी है। न्यायालय ने जानना चाहा है कि अभी तक पहले से काम कर रही एएनएम की भर्ती में वरीयता क्यों नहीं दी जा रही है।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने याची आरती गुप्ता और अन्य की ओर से दायर याचिका पर आज यह आदेश दिये। दायर याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग में पहले से संविदा पर काम कर रही एएनएम को नियुक्ति में वरीयता दी जाये। एक फरवरी 2013 को उच्च न्यायालय ने आदेश भी दिया था कि नियुक्ति में उन्हें वरीयता दिए जाने पर विचार किया जाये। इस मामले में एक शासनादेश भी जारी किया गया है।
याची की ओर से अधिवक्ता आलोक मिश्र ने अदालत को बताया कि पिछले साल एक दिसम्बर को उन्ही पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया है लेकिन कही भी संविदा पर काम करने वाली एएनएम के वरीयता दिए जाने का जिक्र नहीं किया गया है। मामले कि अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी।