अहमदाबाद, भारतीय टी20 टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या का मानना है कि वह एक टी20 क्रिकेटर के रूप में बहुत परिपक्व हो गये हैं और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तरह टीम में कोई भी भूमिका निभा सकते हैं।
हार्दिक पांड्या ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में भारत की जीत के बाद कहा, “ सच कहूं तो मैंने हमेशा छक्के मारने का आनंद लिया है, लेकिन मुझे परिपक्व भी होना है और यही जिन्दगी है। मुझे दूसरे हिस्से पर भी ध्यान देना है, जहां मैंने हमेशा साझेदारियों पर विश्वास किया है। मैं अपनी टीम को और दूसरे खिलाड़ी को धैर्य एवं विश्वास देना चाहता हूं कि कम से कम मैं वहां हूं। मैंने (टीम के) इन सभी खिलाड़ियों से ज्यादा मैच खेले हैं, इसलिये मेरे पास अनुभव है और उससे भी ज्यादा मैंने दबाव सहना सीखा है।”
उन्होंने कहा, “इस तरह से, शायद मुझे अपना स्ट्राइक रेट कम करना पड़े या नयी भूमिका निभानी पड़े। मैं हमेशा इसके लिये तैयार रहा हूं। मुझे वह भूमिका निभाने में कोई परेशानी नहीं है, जो माही भाई (धोनी) ने अपने करियर के अंत में निभाई थी। मैं उस समय युवा था और गेंद को चारों तरफ मारता था, लेकिन अब जब वह जा चुके हैं, वह भूमिका कहीं न कहीं मुझे मिल गयी है। मुझे इससे कोई परेशानी नहीं। हमें वांछित परिणाम मिल रहे हैं और यह ठीक है।”
हार्दिक पांड्या ने बुधवार को बल्ले से वही भूमिका निभाई। वह अक्सर विकेट पर कदम जमा चुके शुभमन गिल को स्ट्राइक देते रहे, हालांकि पांड्या ने खुद 176.47 की स्ट्राइक रेट के साथ अपनी पारी समाप्त की। पांड्या गेंदबाजी के मोर्चे पर भी विकसित हुए हैं। वह जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में पावरप्ले में नियमित रूप से गेंदबाजी कर रहे हैं। पांड्या ने घरेलू सीज़न की शुरुआत के बाद से पावरप्ले में 12 ओवर फेंके हैं और 86 रन देकर दो सफलताएं हासिल की हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए इंदौर वनडे में भी जब भारत ने अपने प्रमुख गेंदबाजों को आराम दिया था, पांड्या ने नयी गेंद को स्विंग करने की अपनी कुशलता दिखाई थी।
हार्दिक पांड्या ने कहा, “मुझे नयी गेंद से गेंदबाजी करनी थी क्योंकि अर्शदीप (सिंह)… मैं नहीं चाहता कि कोई नया खिलाड़ी आये और (नयी गेंद के साथ पहले गेंदबाजी की) कठिन भूमिका निभाये। अगर वह दबाव में आ जाये तो खेल हमारे हाथ से निकल सकता है। मैं हमेशा सामने से नेतृत्व करता रहा हूं और मैं अपनी नयी गेंद के कौशल पर काम कर रहा हूं, जो मेरी मदद कर रहा है।”
हार्दिक पांड्या ने इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप और अगले वर्ष कैरेबियाई में होने वाले टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए टेस्ट क्रिकेट पर सीमित ओवर क्रिकेट को प्राथमिकता दी है। पांड्या ने 2019 में पीठ की सर्जरी के बाद से सीनियर स्तर पर किसी भी तरह का लाल-गेंद क्रिकेट नहीं खेला है। उनका आखिरी टेस्ट 2018 में साउथेम्प्टन में था और उसी साल उन्होंने अपना आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच भी खेला था।
हार्दिक पांड्या ने टेस्ट क्रिकेट के बारे में कहा, “ मैं तब वापस आऊंगा जब मुझे लगेगा टेस्ट मैच क्रिकेट खेलने का सही समय है। अभी मैं सीमित ओवर क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने जा रहा हूं जो महत्वपूर्ण है। अगर समय सही है और शरीर ठीक है, तो मैं टेस्ट क्रिकेट को आजमाऊंगा।”