नई दिल्ली, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि विधेयक में कुछ खामियों के कारण लोकपाल के गठन में देरी हो रही है, क्योंकि पिछली संप्रग सरकार ने जल्दबाजी में इसका मसौदा तैयार किया था। लोकपाल के गठन को लेकर केंद्र सरकार के प्रतिबद्ध होने का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि मौजूदा विधान में संशोधन करने के लिए आगामी मानसून सत्र में एक विधेयक लाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, जहां तक लोकपाल की बात है निश्चित तौर पर कोई देरी नहीं हुई है। सरकार पारदर्शी प्रशासन, नागरिक केंद्रित शासन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह सख्त है। उन्होंने कहा, और यदि लोकपाल में कुछ संशोधनों की जरूरत है तो ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले इसका मसौदा जल्दबाजी में तैयार किया गया था। इसमें कुछ समस्याएं थीं जिससे यह पूरी तरह काम करने लायक नहीं बन सका।
एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के मसौदे में इसे स्पष्ट नहीं किया गया था कि यदि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा तो उस स्थिति में क्या होगा। गौरतलब है कि मौजूदा लोकपाल कानून में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष लोकपाल के प्रमुख और इसके सदस्यों को चुनने वाली चयन समिति का सदस्य होता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी तरह चयन समिति में न्यायविद सदस्य की नियुक्ति के लिए कार्यकाल को परिभाषित नहीं किया गया।