लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती दलितों के लिए नहीं बल्कि सिर्फ अपने लिए संघर्ष करती हैं। यह आरोप हैं बसपा से हाल में बगावत करके अलग होने वाले पूर्व पार्टी महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का। ‘गाली प्रकरण’ की निन्दा करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा मुखिया पर दलितों के लिए नहीं बल्कि सिर्फ अपने लिए संघर्ष करने का आरोप लगाया।
मौर्य ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मायावती के प्रति कहे गये अपशब्द उनका व्यक्तिगत मसला है, इसका दलितों से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पूरी बसपा को इसके खिलाफ संघर्ष में उतार दिया है। मौर्य ने कहा कि मायावती ने कभी दलितों से जुड़ी समस्याओं के लिये जनान्दोलन का रास्ता नहीं अख्तियार किया। पार्टी नेताओं के कहने पर भी वह इसके लिये कभी तैयार नहीं हुई।उन्होंने कहा कि मायावती दलितों के लिये नहीं बल्कि सिर्फ अपने लिये संघर्ष करती हैं।
पूर्व बसपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लोकतंत्र और राजनीति में गाली-गलौज तथा हिंसा का कोई स्थान नहीं है। भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह द्वारा मायावती के प्रति कहे गये अपशब्द और अपमानजनक टिप्पणी जितनी निन्दनीय, अमर्यादित और अलोकतांत्रिक है। उतना ही बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा सिंह के परिजनों के प्रति की गयी नारेबाजी और अपशब्द निंदनीय तथा अमर्यादित हैं। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं के प्रति उदासीन रहने वाली बसपा और भाजपा ने आज गाली का जवाब गाली का मुद्दा बनाकर जनान्दोलन का रास्ता पकड़ लिया है। यह बहुत हास्यास्पद है।