लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी से बगावत करने वाले उत्तर प्रदेेश विधानसभा में नेता विरोधी दल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वसूली की वजह से मायावती ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के सिद्धान्तों को चकनाचूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि आबादी के अनुपात से ज्यादा अगड़ों को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट दिए गए जबकि पिछड़ों के टिकट को कम कर दिया गया। पिछले 22 जून को बसपा छोडऩे वाले मौर्य ने अगली रणनीति के लिए आज यहां अपने समर्थकों का सम्मेलन आयोजित किया था।
मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ों की आबादी के अनुपात में कांशीराम विधानसभा चुनाव में करीब 225 टिकट देते थे। पिछड़ों का सम्मान बना रहता था लेकिन बसपा संस्थापक के न रहने पर मात्र 4.5 फीसदी वाले अगड़ी जातियों को 130 टिकट तक दिए गए और पिछड़ों को 20-30 टिकट देकर निपटा दिया गया।
उन्होंने कहा कि दलितों की तरह पिछड़े और अति पिछड़े भी काफी गरीब हैं लेकिन बसपा में ऊंची जातियों के आगे उनकी अनदेखी की गई। उनका कहना था कि समाजवादी पार्टी के शासन में दलितों, पिछड़ों को मारा गया, अपहरण किए गए, बलात्कार हुए, फिरौती ली गई लेकिन 2017 में सरकार बनाने के सपने देख रही बसपा ने कोई ठोस विरोध नहीं किया। मौर्य ने कहा कि मायावती को इससे कोई लेना देना नहीं है। उनकी पैसे की मूल आवश्यकता बस पूरी होती रहे।
बसपा अध्यक्ष मायावती पर भ्रष्टाचार और वसूली के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विजय माल्या की तरह बसपा अध्यक्ष कभी भी विदेश भाग सकती हैं। मौर्य ने कहा, ‘मैं उन लोगों को सावधान करना चाहता हूं जो मायावती को पैसे देकर टिकट या संगठन में जगह ले रहे हैं। वह कभी भी देश छोड़कर विजय माल्या की तरह भाग सकती हैं। उन्होंने कई करोड़ रुपये बटोर लिए हैं। वह डॉ. अंबेडकर और कांशीराम के मिशन को चकनाचूर कर रही हैं।’ बसपा छोडऩे के बाद पहली बार सम्मेलन के जरिए अपने समर्थकों से मुखातिब मौर्य ने कहा कि बहुजन समाज मायावती को देवी की तरह पूजता है लेकिन वह भ्रष्टाचार में गले तक डूबी हुई हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव रह चुके मौर्य ने कहा कि मायावती को जमीनी कार्यकर्ताओं की जरुरत नहीं है। उन्हें अब ऐसे संग्रह अमीनों की आवश्यकता रह गई है जो उनकी पैसे की भूख मिटा सके। मायावती की वजह से डॉ. अंबेडकर और कांशीराम की ‘इमारत’ दरकती जा रही है। दो करोड़ रुपये दिए बगैर दलित भी बसपा में विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं पा सकता।