लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अयोध्या में आला अधिकारियाें और कुछ नेताओं के रिश्तेदारों द्वारा खरीदी गयी विवादित जमीन के मामले में उच्चतम न्यायालय से दखल देने का अनुरोध करते हुये राज्य सरकार से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
मायावती ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से उजागर हुये इस मामले को बेहद गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में एक ट्रस्ट की जांच के दायरे वाली जमीन को नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से कम दाम पर खरीदा गया।
उल्लेखनीय है कि ट्रस्ट ने कुछ साल पहले अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के पांच किमी के दायरे में अनुसूचित जाति के जमीन मालिकों की जमीन खरीदी थी। इस मामले की जांच पहले से चल रही थी तभी मंदिर निर्माण की उच्चतम न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद अयोध्या के कुछ आधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों द्वारा इस जमीन को बाजार कीमत से कम मूल्य पर खरीदे जाने का मामला बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट में उजागर हुआ है।
बसपा सुप्रीमो ने इसे गंभीर मामला बताते हुये कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले में दखल देना चाहिये। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था से परेशान होकर जनता अब बदलाव का मन बना चुकी है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने बुधवार को विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्र को इस मामले की जांच सौंपी है।
मायावती ने प्रदेश में 2022 में बसपा की सरकार बनने का दावा करते हुये कहा कि भाजपा और सपा चुनाव को हिंदू मुस्लिम रंग देने में लगे हैं। प्रदेश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।