लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने और प्रमुख प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी को कड़ा संदेश देने के इरादे से अंबेडकरनगर या बिजनौर सीट से अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं।
अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए बसपा विपक्षी दलों की एकजुटता के पक्ष में होने के संकेत पहले ही दे चुकी हैं। इस कड़ी में समाजवादी पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। गौरतलब है कि बसपा ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनावों में सपा को समर्थन दिया था जिनमें सपा उम्मीदवारों की जीत हुई थी। पार्टी ने कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट के उपचुनावाें में भी भाजपा के खिलाफ उतरे विपक्षी उम्मीदवारों का समर्थन किया था। इन दोनों उपचुनावों में भी भाजपा को सीटें गंवानी पड़ी थीं।
मायावती के खुद आम चुनाव न लड़ने की रणनीति पर पुनर्विचार करने और अब अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत से उत्तर प्रदेश में नया राजनीतिक आयाम बनने की उम्मीद है। यदि सुश्री मायावती चुनाव लड़ती हैं तो यह उनका एक रणनीतिक कदम होगा। बसपा प्रमुख कई वर्षों से खुद चुनाव लड़ने से ज्यादा तरजीह पार्टी संगठन को मजबूत करने पर देती रही हैं। बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को यहां कहा कि पार्टी सुश्री मायावती के लिए बेहतर लोकसभा सीट के चयन की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुकी है। पार्टी नेता ने कहा कि ये सीटें फैजाबाद से सटी अंबेडकर नगर या बिजनौर हो सकती हैं।
मायावती 1998,1999 और 2004 में अकबरपुर, अम्बेडकर नगर सीट से लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। मायावती ने आखिरी बार लोकसभा चुनाव 2004 में लड़ा थाए उसके बाद से वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहने के दौरान विधान परिषद की सदस्य रहीं। वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश की सत्ता गंवाने के बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता हासिल की। उन्होंने गत वर्ष राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।