मुंबई, सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक जीनत अमान हैं। उनके बारे में कुछ भी कहना बहुत कम होगा। वे पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं जिन्होंने मिस एशिया पैसिफिकका खिताब जीता। हिन्दी सिनेमा में ग्लैमर की बात चलं तो उनका नाम सबसं पहले आता है। अब जी क्लासिक वो जमाना करे दीवाना की अपनी ब्रांड विचारधारा के साथ इस शनिवार 25 फरवरी को शाम 7 बजे माय लाइफ माय स्टोरी में उनके दमकते करियर के कुछ हल्के-फुल्के अनसुने किस्सों से दर्शकों को रू-ब-रू करावाया जा रहा है।
एक ईवनिंग पार्टी के दौरान दौरान देव आनंद ने देखा कि जीनत अमान पाइप पी रही है और उन्हें उसी वक्त उनकी फिल्म की जैनिस मिल गई। हालांकि जीनत अमान अपने दौर की सबसे क्रिएटिव एक्ट्रस में से एक रही हैं लेकिन विदेश में पढ़ाई करने के चलते उन्हें एक समय हिन्दी बोलने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। जीनत अमान याद करती हैं, मैंने कभी हिन्दी सिनेमा को फॉलो नहीं किया। यह कहते हुए यह कहते हुए मुझे खेद है कि मैं हिन्दी सिनेमा की फैन नहीं थी। मैं अपनी मां के साथ रहती थी, पिता के साथ नहीं मेरे सौतेले पिता जर्मन थे और मैं शहरी माहौल में पली बढी थी।
भारतीय सिनेमा से मेरा कोई वास्ता ही नहीं था। मेरे पिता अमानुल्लाह खान अमान के नाम से लिखते थे। बतौर लेखक वे मुगल-ए-आजम और पाकीजा जैसी क्लासिक फिल्मों से भी जुड़े थे। हालांकि मैंने जो पहली हिन्दी फिल्म देखी, वह थी पूरब और पश्चिम। यहां तक कि मैंने फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा के लिए भी अपना स्क्रीन टेस्ट इंग्लिश में ही दिया। माय लाइफ माय स्टोरी एक ऐसा वीकली चौट शो है जो दर्शको को हिन्दी सिनेमा के दिग्गज कलाकारो से रू-ब-रू कराता है।