लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मार्च 2025 तक 32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। श्री योगी ने बुधवार को एक समाचार पत्र द्वारा आयोजित सम्मेलन में राज्य की आर्थिक उपलब्धियों, सुरक्षा व्यवस्था, औद्योगिक विकास और माफिया के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया की नीति अपनाती थीं, जबकि हमने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के माध्यम से उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग की। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय राज्य की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपये थी, लेकिन उनकी सरकार के प्रयासों से 2023-24 में यह आंकड़ा 26 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है और अब 32 लाख करोड़ का लक्ष्य तय किया गया है।
राज्य में माफिया के खिलाफ की गई कड़ी कार्रवाई पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपराधियों और माफिया को कतई बर्दाश्त नहीं किया है। जिस क्रूरता से अपराधी और माफिया नागरिकों के साथ व्यवहार करते थे, उसी क्रूरता से हमारी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती है।
उन्होंने बताया कि राज्य में एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसके तहत 64 हजार एकड़ भूमि माफियाओं से मुक्त कराई गई है। पहले की सरकारें माफिया की मदद करती थीं, लेकिन अब उनकी सुरक्षा हटाकर राज्य को माफिया मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निवेश और औद्योगिक विकास पर जोर देते हुये कहा कि 2017 में जब उनकी सरकार सत्ता में आई थी, तब निवेश की स्थिति बेहद खराब थी लेकिन अब यूपी में निवेश के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। उनकी सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की, जिसके परिणामस्वरूप राज्य को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
योगी ने बताया कि पहले हमारे अधिकारियों को 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाना भी बड़ी बात लगती थी, लेकिन आज हम 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर चुके हैं, जिससे डेढ़ करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पुलिस बल में बड़े सुधार किए हैं। 1.54 लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई है और पुलिस को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। पहले राज्य में अपराधी पुलिस की मदद से ही अपराध करते थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। यूपी पुलिस अब पूरी तरह से सक्षम है और अपराधियों में खौफ पैदा कर रही है। उनकी सरकार ने पुलिस ट्रेनिंग की अवधि को बढ़ाया और 6 हजार पुलिस कर्मियों को एक साथ ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा, पुलिस बल में पैरा मिलिट्री और मिलिट्री सेंटर से भी सहयोग लिया गया, जिससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है।
राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश अब देश का सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। पहले यूपी की सड़कों को गड्ढों से भरा हुआ माना जाता था, लेकिन आज राज्य की सड़कें देश के सबसे अच्छे हाइवे में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बन चुका है। गंगा एक्सप्रेसवे पर कार्य चल रहा है, जिसके मेन कैरेजवे को इस साल के अंत तक कार्यान्वित कर दिया जाएगा। आज गोरखपुर-लिंक एक्सप्रेसवे बनकर तैयार है। इसके अलावा, देश का पहला 12-लेन एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ में शुरू हो चुका है और छह शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाएं भी चालू हैं। देश का पहला वाटरवे वाराणसी-हल्दिया के बीच प्रारंभ हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वाराणसी में लॉजिस्टिक मल्टीमॉडल टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है और गौतम बुद्ध नगर में लॉजिस्टिक हब की भी योजना बनाई जा रही है। यूपी ने 75 जिलों में 75 जीआई टैग प्राप्त किए हैं, जिसमें वाराणसी सबसे आगे है। व्यापार और निर्यात के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि मुरादाबाद अब 16 हजार करोड़ रुपये के उत्पादों का एक्सपोर्ट कर रहा है, जबकि भदोही का कॉर्पेट उद्योग 8 हजार करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट करता है। उन्होंने फिरोजाबाद के ग्लास उद्योग और मेरठ के खेल उत्पाद उद्योग का भी उल्लेख किया, जो अब देश-विदेश में ब्रांड बन चुके हैं।
उन्होने कहा कि बिजनेस राज्य की आर्थिक समृद्धि का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि कृषि, गोरक्षा और वाणिज्य सभी एक साथ चलते हैं और इन्हें अलग नहीं किया जा सकता। राज्य के एमएसएमई और स्किल्ड मैनपावर बड़े निवेश के आधार बनते हैं। पीएम मोदी की विश्वकर्मा योजना और ओडीओपी योजना बड़े निवेश के साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब देश की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है और आने वाले समय में यह देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य की आर्थिक और औद्योगिक विकास यात्रा जारी रहेगी और उत्तर प्रदेश भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।