मार्शल आर्ट्स से बेटियों को आत्मरक्षा का पाठ पढ़ा रही है महिला खिलाड़ी

लखनऊ, मार्शल आर्ट्स में पारंगत वाराणसी की ज्योति सिंह बेटियों को आत्मरक्षा की इस कला में प्रशिक्षित कर उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान को नई ऊर्जा दे रहीं हैं।
महिलाओं की गरिमा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 सितंबर को मिशन शक्ति 5.0 की शुरुआत की थी। महिला सुरक्षा की दिशा में ज्योति सिंह के कार्य और उपलब्धियां नारी शक्ति की उस ताकत की गवाही है, जो सुरक्षा से लेकर स्वावलंबन तक का सफर तय करती है।
मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग से जुड़कर ज्योति सिंह आज एक समर्पित मार्शल आर्ट्स प्रशिक्षक और समाजसेवी के रूप में जानी जाती हैं। वर्ष 2012 में झांसी में ब्लैक बेल्ट प्राप्त करने के बाद उन्होंने लड़कियों को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण देना शुरू किया, लेकिन उन्हें 2020 में शुरु हुए मिशन शक्ति के पहले फेस में ब्रेक मिला। आज वे थर्ड डिग्री ब्लैक बेल्ट धारक हैं और अपनी संस्था ‘मानव एकडमी ऑफ मार्शल आर्ट’ के जरिए लाखों बच्चों व महिलाओं को आत्मविश्वासी बनाने का कार्य कर रही हैं।
मिशन शक्ति 5.0 के उद्देश्यों यानि नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को ज्योति ने अपनी जिंदगी का मूलमंत्र बना लिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति अभियान ने यूपी की महिलाओं और बालिकाओं में नया आत्मविश्वास जगाया है। आज वे अपने अधिकारों को समझ रही हैं और खुद की सुरक्षा के लिए सक्रिय हो रही हैं। सेल्फ डिफेंस अब उनके लिए सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि जीवन की कुंजी बन गई है।
खेल जगत में ज्योति की उपलब्धियां असाधारण हैं, जो मिशन शक्ति के स्वावलंबन को और मजबूती प्रदान कर रही है। वे नेशनल लेवल पर लगातार चार वर्षों 24वीं, 25वीं, 26वीं और 27वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विजेता रहीं। 2018 और 2019 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में दो स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर अपनी धाक जमाई। 2020 से 2024 तक मानव वंदनसेवी ऑफ मार्शल आर्ट्स द्वारा उन्हें बेस्ट कोच चुना गया, जबकि 2023 में भारतीय कराटे संघ ने उन्हें मान्यता प्राप्त कोच के रूप में सम्मानित किया। वर्ष 2025 में भारतीय कराटे संघ से थर्ड डैन ब्लैक बेल्ट की उपाधि प्राप्त कर ज्योति ने एक नया मुकाम हासिल किया। ये उपलब्धियां न केवल व्यक्तिगत सफलता हैं, बल्कि मिशन शक्ति 5.0 के तहत बालिकाओं को खेलों में बढ़ावा देने वाले प्रयासों का हिस्सा हैं, जहां 1.5 लाख से अधिक लड़कियां विधानसभा स्तर पर स्पोर्ट्स कॉम्पिटिशन में भाग ले रही हैं।
महिलाओं की सुरक्षा में योगदान देने के लिए समय-समय पर ज्योति को विभिन्न स्तरों पर योगी सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया है। 2019 में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें सम्मानित किया, जबकि उसी वर्ष मानव वंदनसेवी ऑफ मार्शल आर्ट्स ने बेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब दिया। 2024 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने प्रशस्ति पत्र देकर उनका सम्मान किया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उन्हें सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया। 2025 में जिला प्रशासन झांसी ने खेल और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें एक दिन के लिए अधिकारी नियुक्त कर विशेष सम्मान दिया। ये सम्मान मिशन शक्ति के सम्मान के पहलू को दर्शाते हैं, जहां महिलाओं की गरिमा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
फीमेल सेफ्टी के क्षेत्र में ज्योति का योगदान 2021 से अब तक अत्यंत सराहनीय रहा है। उन्होंने झांसी और आसपास के जिलों में बालिकाओं को व्यावहारिक सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण दिया। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या फिर बाल सुधार गृह ज्योति योगी सरकार की मदद से हर जगह जाकर बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाती हैं। ‘बेटी है तो बचेगी’ और ‘पावर एंजल्स’ जैसे अभियानों से जुड़कर वे महिलाओं को सशक्त बना रही हैं। ज्योति का दृष्टिकोण स्पष्ट है। ज्योति कहती हैं कि हर लड़की और महिला केवल शिक्षा में ही आगे न बढ़े, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूत बने। आत्मरक्षा आत्मविश्वास और स्वतंत्रता की कुंजी है। ज्योति कहती हैं कि बालिकाएं सेल्फ डिफेंस को लेकर सकारात्मक हैं और बड़े जुनून के साथ अपनी रक्षा के गुर सीख रही हैं।