नयी दिल्ली, स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील को ज्यादा उपयोगी बनाने और उनके लिए शिक्षा की सुविधा को ज्यादा बेहतर बनाने का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि छात्रों को मिड डे मील के साथ ही पर्याप्त शिक्षा सुविधा भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी रॉय ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र के एक सेंट्रल स्कूल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। उनका कहना था कि बच्चे सिर्फ मिड डे मील के लिए स्कूल आएं यह पर्याप्त नहीं हैं बल्कि उन्हें पढाया भी जाना चाहिए। इस स्कूल में एक ही अध्यापक है और वह स्कूल आते भी हैं कि नहीं इस बारे में कोई पूछने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि मिड डे मील के अलावा स्कूलों में बच्चों के समग्र विकास के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। जिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी हैं वहां अध्यापक भेजे जाने चाहिए और बच्चों की शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। उनके संसदीय क्षेत्र के स्कूलों में अध्यापकों की कमी की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए और अध्यापकों की मौजूदगी पर नजर रखी जानी चाहिए।
मातृभाषा का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी के साथ ही बांग्ला भाषा की पढाई पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। कई अध्यापकों को बांग्ला नहीं आती है जिससे बच्चों को पढने में दिक्कत होती है और उनकी भाषा में वे बात नहीं कर सकते हैं।