मीडिया पर पकड़ बनाने के लिए, अखिलेश यादव को करने होंगे ये काम

विषय को और ज्यादा लंबा न करके, इसे अंतिम मुकाम पर लातें हैं।  मेरे अखिलेश यादव से कुछ सवाल हैं- 

 आप ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल मे, मीडिया मे व्याप्त जातीय- गठजोड़ को तोड़ने के लिये क्या उपाय किये?

 आप ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल मे, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, महिलाओं की मीडिया मे भागीदारी के लिये क्या उपाय किये?

 आप ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल मे, कितने एेसे मीडिया समूहों को स्थापित करने मे सहयोग किया जो मूलत: समाजवादी विचारधारा का हो या अापका समर्थक हो?

 आप ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल मे, कितने एेसे पत्रकारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से स्थापित करने मे सहयोग किया जो मूलत: समाजवादी विचारधारा का हो या अापका समर्थक हो?

अगर ज्यादातर का उत्तर न में आये तो समझ लीजियेगा कि अखिलेश यादव से एक बड़ी चूक हुयी है। जिसकी भरपाई करने मे अब उन्हे समय लगेगा।

 भारतीय राजनीति मे मीडिया का अहम रोल है।  मीडिया मुख्यत: जनमत निर्माण का कार्य करता है। जनमत ही राजनैतिक दल को सत्ता तक पहुंचाता है, राजनेता को जननेता बनाता है। चूंकि अखिलेश यादव को अभी भारतीय राजनीति मे एक लंबी पारी खेलनी है, इसलिये ये जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा मीडिया- सपोर्ट अखिलेश यादव को मिले। इसलिये अभी से इन पांच यक्ष प्रश्नों के भावार्थ की गहराई को आत्मसात कर, उन पर अमल करने की शुरूआत कर दें, आने वाले दिनों मे भारत की मेन स्ट्रीम मीडिया के आप आंखों के तारे होंगे।

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