मुख्तार अंसारी के भाई ने योगी सरकार पर लगाये गंभीर आरोप, बताया जान का खतरा
January 12, 2018
लखनऊ, बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने योगी सरकार पर मुख्तार के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है।उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि सदन का सदस्य होने के नाते उनके जीवन के संकट को देखते हुए मुख्तार अंसारी को पीजीआई मे रखा जाये।
अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता मे,अफजाल अंसारी ने कहा कि बसपा विधायक मुख्तार अंसारी जेल में सुरक्षित नही हैं। उनकी जान को खतरा है। सरकार बृजेश सिंह को सुविधाएं मुहैया करा रही है जबकि मुख्तार के साथ भेदभाव किया जा रहा है। यह आरोप विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने लगाए हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अफजाल ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की।
बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को पीजीआई लखनऊ से मात्र 48 घंटों मे ही वापस बांदा जेल भेजा गया है। दिल का दौरा पडने के बाद अंसारी को लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डाक्टरों ने उन्हें कल छुटटी दे दी। विधायक मुख्तार अंसारी को जेल में पत्नी से मुलाकात के दौरान दिल का दौरा पड़ा था। अंसारी की स्थिति देख उनकी पत्नी के भी सीने में दर्द उठने लगा। दोनों को लखनऊ अस्पताल ले जाया गया।जेल अधीक्षक विवेकशील त्रिपाठी ने आज बताया कि अंसारी को कल रात अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी क्योंकि उनकी स्थिति सामान्य है।
उन्होंने कहा कि उनके भाई मुख्तार को अटैक पड़ा था जिससे उनकी तबियत खराब हो गयी थी। उनसे मिलने पहुंची उनकी पत्नी के सामने उन्हें हार्ट अटैक पड़ा था। उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक पड़ने के बाद उनके मुंह से झाग निकल रहा था। उनकी हालत देखकर उनकी पत्नी की हालत भी खराब हो गई थी। मुख्तार ने पहले भी कहा था कि वह जेल में सुरक्षित नही हैं। उन्हें जान से मारने की साजिश चल रही है।
अफजाल ने आरोप लगाया कि सरकार मुख्तार और बृजेश में भेदभाव कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बृजेश सिंह को वाराणसी जेल में रखा गया है तो मुख्तार को गाजीपुर या मऊ जेल में क्यों नहीं रखा जा सकता? उन्होंने आरोप लगाया कि बृजेश सिंह के घर से 365 दिन खाना आता है।उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए आग्रह किया कि सदन का सदस्य होने के नाते उनके जीवन के संकट को देखते हुए पीजीआई भेजें। उन्हें मात्र 48 घंटे पीजीआई में रखा गया और बिना सही इलाज के वापस जेल भेज दिया गया।